बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में हुई वोटिंग का एग्जिट पोल अब सामने आ गया है. एबीपी लाइव के एक्सपर्ट्स ने इस एग्जिट पोल को तैयार किया है, जिसमें हर जिले की हर सीट की स्थिति, जीत-हार का समीकरण और वहां के प्रमुख मुद्दों का चुनाव पर प्रभाव विस्तार से समझाया गया है. 243 सीटों के लिए 150 से अधिक पत्रकारों से राय ली गई है. आइए आपको बताते हैं कि कौन किस सीट से चुनाव जीत या हार सकता है.
गया से जीत रहे बीजेपी के प्रेम कुमार!
गया जिले की 10 सीटों पर एनडीए को 2, जेडीयू को 1, हम को 2 और आरजेडी को 4 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एक सीट पर कड़ा मुकाबला है. गया शहर में बीजेपी के प्रेम कुमार जीत रहे हैं. बेलागंज में जेडीयू की बेला देवी, अतरी में हम के रोमित कुमार और बोधगया में आरजेडी के कुमार सर्वजीत या लोजपा के श्यामदेव पासवान की जीत संभावित है. शेरघाटी, इमामगंज और गुरुआ में भी कड़ी टक्कर बनी हुई है.
जैनपुर में जेडीयू को बढ़त और भभुआ में आरजेडी आगे?
कैमूर जिले की चार सीटों में जेडीयू को एक सीट, आरजेडी को एक सीट मिलने की संभावना है और दो सीटें कांटे की टक्कर में हैं. चैनपुर में जेडीयू को बढ़त है, भभुआ में आरजेडी आगे है, मोहनिया और रामगढ़ में भी मुकाबला कड़ा है. रोहतास में सात सीटों में एक सीट एनडीए, तीन सीटें महागठबंधन की और तीन पर कड़ा मुकाबला है. सासाराम और नोखा में आरजेडी आगे है, करहगर से बसपा के उदय प्रताप सिंह की जीत संभावित है. डेहरी और काराकाट में भी मुकाबला कांटे का है.
जहानाबाद में आरजेडी और लोजपा की जीत संभावित?
औरंगाबाद की छह सीटों में एनडीए को दो और महागठबंधन को तीन सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एक सीट पर कड़ा मुकाबला है. गोह और ओबरा महागठबंधन के पक्ष में हैं, वहीं कुटुंबा में भी महागठबंधन की बढ़त है. अरवल, जहानाबाद और नवादा में सीटों का बंटवारा मिश्रित है. अरवल की एक सीट महागठबंधन के पास है, जबकि दूसरी पर मुकाबला कड़ा है. जहानाबाद में आरजेडी और लोजपा रामविलास की जीत संभावित है, वहीं नवादा की पांच सीटों में चार महागठबंधन और एक एनडीए के पक्ष में दिख रही हैं.
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बीजेपी और जेडीयू के पक्ष में मधुबनी की तीन-तीन सीटें!
भागलपुर की सात सीटों में चार एनडीए और तीन महागठबंधन के खाते में जाने की संभावना है. बांका की पांच सीटों में तीन एनडीए और दो पर कड़ा मुकाबला है. जमुई की चार सीटों में एक सीट बीजेपी, एक हम और दो सीटें आरजेडी के पक्ष में जा रही हैं. सीतामढ़ी की आठ सीटों में एनडीए को सात और आरजेडी को एक सीट मिलने की संभावना है. शिवहर की एकमात्र सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है. मधुबनी में तीन-तीन सीटें बीजेपी और जेडीयू के पक्ष में और एक-एक सीट आरजेडी और कांग्रेस को जा रही हैं. सुपौल की पांच सीटों में चार एनडीए और एक आरजेडी के पक्ष में है.
पूर्णिया और अररिया की सात और छह सीटों में सीटों का बंटवारा मिश्रित है. पूर्णिया में तीन एनडीए, तीन महागठबंधन और एक सीट पर कड़ा मुकाबला है. अररिया में तीन सीटें एनडीए, दो महागठबंधन और एक पर कड़ा मुकाबला है.
पूर्वी चंपारण में 12 सीटों पर एनडीए की बढ़त!
कटिहार और किशनगंज में भी एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला देखा जा रहा है. कटिहार की सात सीटों में पांच एनडीए और दो महागठबंधन के पक्ष में हैं. किशनगंज की चार सीटों में तीन महागठबंधन और एक पर कड़ा मुकाबला है. पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की कुल 21 सीटों में एनडीए को 15 और महागठबंधन को 6 सीटें मिल रही हैं. पूर्वी चंपारण में 12 सीटों में बीजेपी, जेडीयू, लोजपा और कांग्रेस के बीच बंटवारा है, वहीं पश्चिमी चंपारण में 9 सीटों में एनडीए को 6 और महागठबंधन को 3 सीटें मिलने की संभावना है.
14 नवंबर को आएंगे अंतिम नतीजे
एग्जिट पोल के अनुसार, दूसरे चरण में एनडीए को कुल 63 सीटें, महागठबंधन को 42 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि 17 सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा है. पार्टीवार आंकड़ों में बीजेपी 31, जेडीयू 23, आरजेडी 26, कांग्रेस 12, लोजपा रामविलास 4 और लेफ्ट, वीआईपी, राष्ट्रीय लोकमोर्चा को दो-दो सीटें मिलने की संभावना है. अंतिम नतीजे का इंतजार 14 नवंबर को रहेगा.