बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को बड़ा झटका लगा है. चुनाव प्रचार के दौरान खुद को महागठबंधन का डिप्टी सीएम प्रत्याशी दावा करने वाले वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की पार्टी इस बार एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई. 243 सीटों वाली विधानसभा में लगभग सभी सीटों के रुझान और परिणाम आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि वीआईपी का प्रदर्शन उम्मीदों के विपरीत रहा. पार्टी कई सीटों पर चुनाव मैदान में थी, लेकिन किसी भी सीट पर निर्णायक बढ़त या जीत दर्ज नहीं हो सकी.

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बुरी तरह टूटता दिखाई दे रहा है मुकेश सहनी का सपना!

अज्ञात शायर का वो शेर न खुदा मिला न विसाले सनम तो आपने पढ़ा होगा! अब यही शेर मुकेश सहनी यानी वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के प्रमुख के ऊपर फिट बैठता दिखाई दे रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन की सरकार बनने और डिप्टी सीएम का सपना देख रहे मुकेश सहनी का ये ख्वाब इतनी बुरी तरह से टूटेगा किसी ने सोचा भी नहीं था. मुकेश सहनी की पार्टी का अब तक एक भी खाता खुलता दिखाई नहीं दे रहा है. महागठबंधन में वीआईपी पार्टी रूझानों से लेकर नतीजों तक दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है.

2020 में कितनी आई थी सीटें?

आपको बता दें कि मुकेश सहनी ने 2018 में अपनी विकासशील इंसान पार्टी की स्थापना की थी जिसके बाद 2020 के चुनावों में उन्होंने 4 सीटें जीतकर एनडीए गठबंधन की सरकार में अहम रोल निभाया था और सरकार में उन्हें मछलीपालन मंत्री का पद दिया गया था. जिसके बाद 2022 में एनडीए में विधायकों की हेरफेर हुई और बिहार में 2020 में बनी सरकार गिर गई जिसके बाद उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा. हालांकि एनडीए सरकार की सत्ता वापसी के बाद उनका मन महागठबंधन की ओर गया और 2025 में वो महागठबंधन के लिए मुख्य दल माने जा रहे थे.

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इन चार सीटों पर 2020 में दर्ज की थी जीत

फिलहाल मुकेश सहनी 2025 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सहयोगी हैं और उनकी हालत बेहद खस्ता दिखाई दे रही है. 2020 में सहनी की पार्टी से बोचाहा, गौरा बौराम, अलिनगर  और साहेबगंज जीती थीं. हालांकि साहेबगंज से वीआईपी के विधायक राजेश कुमार सिंह बाद में बीजेपी में चले गए थे.

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