पटना: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए बयानों से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) खूब सुर्खियों में रहे थे. सरकारी कार्यक्रमों में भी हिंदू धर्म ग्रंथों को लगातार कोसने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार (29 मार्च) को सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के पैर छुए तो वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Controversy) में उन्होंने कैबिनेट की बैठक में ही नीतीश कुमार से बहस भी कर ली थी.


इधर जानकार इसे शिक्षा मंत्री और सीएम के बीच उपजे तनाव को कम करने की नजरिए से भी देख रहे हैं. इससे पहले कभी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को नीतीश कुमार का सार्वजनिक तौर पर पैर छूते नहीं देखा गया था. नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये कहा था कि शिक्षा मंत्री को रामचरितमानस पर नहीं बोलना चाहिए, लेकिन फिर भी चंद्रशेखर छात्रों, शिक्षकों के बीच ही नहीं बल्कि दूसरे सरकारी कार्यक्रमों में और विधानसभा में भी लगातार विवादित बयान देते रहे थे.



शपथ ग्रहण में पहुंचे थे नीतीश और चंद्रशेखर


दरअसल बुधवार (29 मार्च) को राजभवन में पटना हाईकोर्ट के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण था. इसी कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राज्य सरकार के कई मंत्री वहां पहुंचे थे. इसी दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आगे बढ़ कर नीतीश कुमार का पैर छू लिया. इसके बाद सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई. ऐसे में बीजेपी चुप कहां रहने वाली थी.


निखिल आनंद ने पूछे सवाल


वीडियो शेयर करते हुए गुरुवार (30 मार्च) को बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने तीन सवाल पूछ दिए. ट्वीट कर निखिल आनंद ने लिखा- "थोथी दलील मत दो भाई कि 61 साल के शिक्षा मंत्री की 72 साल के सीएम के लिए सम्मान है! जिस दिन मंत्री पद की शपथ ली थी उस दिन सीएम का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था? कैबिनेट की पहली बैठक में गए थे सीएम का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था? कैबिनेट की बदतमीजी के लिए सीएम का पैर छूकर माफी मांगी थी?"


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