बिहार के डिप्टी सीएम और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को अपने आवास पर भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम रखा. इसमें जिले के कई लोगों ने अपनी जमीन से संबंधित शिकायतें की थीं और सीओ साहब पर मनमानी करने के आरोप लगाए थे. इसके बाद पटना जिले के 4 सीओ को स्पष्टीकरण का नोटिस दिया गया है. इन पर जमीन संबंधी काम को लंबित रखने का आरोप है. इसके साथ ही दाखिल-खारिज और परिमार्जन को बिना देरी के निपटाने का निर्देश दिया गया है.

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डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने लोगों की शिकायतों पर कल शाम (12 दिसंबर) को पटना जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सभी सीनियर अधिकारियों, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं, अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मियों के साथ विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक की. 

पटना जिले के चार सीओ को स्पष्टीकरण का नोटिस

उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने निर्णय लेते हुए कहा कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन मामलों में अनावश्यक देरी का मामला सामने आया है. रिजेक्शन और ट्रांसफर के कई मामले आए हैं. सीओ की यह प्रवृत्ति अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि खासकर दीदारगंज, संपतचक, बिहटा और दानापुर के अंचलाधिकारियों द्वारा इन सभी मामलों को ज्यादा लंबित रखने का बाते सामने आई है, इस कारण उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया है. 

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उन्होंने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (DCLR) को अपने-अपने प्रखंडों की नियमित मॉनिटरिंग, पंचायत स्तर पर निरीक्षण और लंबित मामलों को जल्द से जल्द निष्पादन का निर्देश दिया है.

हर काम समय सीमा में ही पूरा होगा- विजय कुमार सिन्हा

मंत्री विजय सिन्हा ने कहा, ''राज्य में 94 फीसदी लघु-सीमांत किसान हैं. 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है और 68 प्रतिशत अपराध जमीन विवाद से जुड़े हैं. ऐसे में भूमि संबंधी समस्याओं का समय से निपटारा सुशासन की इस सरकार के लिए बेहद जरूरी है. भूमि सुधार जनकल्याण संवाद में बड़ी संख्या में लोग विभागीय खामियों से परेशान होकर पहुंचे. अब ये नहीं चलेगा. हर काम समय सीमा में ही पूरा होगा.''

गलत दाखिल-खारिज करने वालों पर होगी कार्रवाई

बैठक में उपमुख्यमंत्री ने साफ तौर से कहा, ''फर्जी कागजात के आधार पर मामलों को लटकाने या गलत दाखिल-खारिज करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी. ऐसे मामलों की जांच के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष टीम बनाई जाएगी. गलती पकड़े जाने पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा.'' उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि 31 दिसंबर तक सभी सही लंबित मामलों का हर हाल में निष्पादन सुनिश्चित करें. जनवरी में पंचायतवार समीक्षा दोबारा होगी.

'संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ काम करें अधिकारी'

उन्होंने आगे कहा कि सरकारी अधिकारी होकर सरकारी जमीन को अन्य के नाम दाखिल-खारिज कर देना अमानत में ख़यानत है. ऐसी गलती को सुधारना उसी अधिकारी की जिम्मेदारी है, दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा. उन्होंने पटना को मॉडल रेवेन्यू डिस्ट्रिक्ट बनाने की दिशा में कार्य करने और दलालों के हस्तक्षेप से मुक्त होकर समय पर कार्य निष्पादन की सलाह दी. मंत्री ने कहा, ''जनता के कार्य आसान करने की पहल तभी सफल होगी जब फील्ड स्तर पर अधिकारी संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ काम करेंगे.''