सहरसा: बिहार के सहरसा जिले के सौर-बाजार से विगत 24 नवम्बर को मनरेगा के जूनियर इंजीनियर मुकेश कुमार भारती का अपराधियों ने अपहरण कर लिया था. लेकिन पुलिस प्रशासन की दबिश और सक्रियता के कारण अपराधियों ने शुक्रवार की देर रात उन्हें मुक्त कर दिया. इस संबंध में शनिवार को एसपी राकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जानकारी देते हुए कहा कि मुकेश कुमार भारती अपने प्रखंड कार्यालय स्थित आवास से बैठक संपन्न कर अपने घर सिमरी बख्तियारपुर जा रहे थे.
सिमरी बख्तियारपुर जाने के क्रम में सौर बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत समदा बखरी पुल के पास उनकी गाड़ी को धक्का मार कर रोका गया. गाड़ी रुकने के बाद अपराधियों ने अपहृत को सिर पर मारते और धक्का देते हुए अपनी कार में बैठाया और फरार हो गए. इस संबंध में सौर बाजार थाना कांड संख्या 438/ 20 धारा 364 ,34 भारतीय दंड विधान अंकित किया गया.
अपहृत की बरामदगी के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संतोष कुमार की नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी और टेक्निकल सेल और गुप्त सूचना के आधार पर संदिग्ध अपराधी भरत यादव से पूछताछ किया गया. उसके बाद इसके संभावित ठिकानों पर एसआईटी और टेक्निकल टीम द्वारा घटना में संलिप्त अपराधियों के ठिकाने पर छापामारी की गई.
ऐसे में अपराधियों ने दबाव में आकर 27 नवंबर की देर रात को अपहृत मुकेश कुमार भारती को भारतीय नगर सहरसा के पास मुक्त कर दिया, जिसके बाद में एसआईटी द्वारा उन्हें बरामद किया गया. इस घटना में संलिप्त तीन से चार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त भरत यादव का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. उसके ऊपर जिले के विभिन्न थानों में कुल 15 मामले दर्ज है. उन्होंने बताया कि भरत यादव 22 नवम्बर को ही जेल से निकला था और एक दिन बाद ही योजना बना जेई का अपहरण कर लिया. उन्होंने बताया कि जेई का अपहरण का मुख्य वजह फिरौती एवं अन्य कारण हो सकते हैं, जिसमें यह मामला व्यक्तिगत या पारिवारिक भी हो सकता है. पुलिस सभी पहलू की छानबीन कर रही है.
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