कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व दो टर्म के विधायक राजेश राम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पार्टी में लंबे समय से उनके खिलाफ आरोप लगे रहे हैं कि उन्होंने कभी इंडिया गठबंधन के शीर्षस्थ नेताओं को अपने कार्यक्रम में नहीं बुलाया और खुद को उम्मीदवार घोषित करने का कदम पार्टी प्रोटोकॉल के खिलाफ उठाया.

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हाल ही में कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन ने यह दिखा दिया कि इस क्षेत्र में इंडिया गठबंधन की स्थिति स्थिर नहीं है.

'गो बैक' के नारे के साथ राजेश राम पथरा का हुआ विरोध

एक नया विवाद शनिवार (27 सितंबर) की शाम सामने आया जब राजेश राम पथरा गांव स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय के शिलान्यास समारोह में पहुंचे. कार्यक्रम स्थल पर पहले से मौजूद कुछ युवाओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया और 'गो बैक' के नारे लगाने लगे. विरोध करने वाले युवाओं के हाथों में राष्ट्रीय जनता दल के झंडे भी थे.

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सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि युवाओं का विरोध तब से शुरू हुआ जब राजेश राम कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. विरोध केवल आगमन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके मंच पर भाषण देने के दौरान भी जारी रहा.

हमारी लड़ाई वोट चोरों के खिलाफ- राजेश राम

हालांकि, विरोध के बावजूद राजेश राम ने विद्यालय भवन का शिलान्यास किया और कार्यक्रम को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले युवाओं की नाराजगी दूर की जा सकती है और वे उनके छोटे भाई की तरह हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी लड़ाई वोट चोरों के खिलाफ है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और महागठबंधन के नेता मिलकर इसे सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

समस्या का चर्चा कर निकाला जाएगा समाधान- राजेश

राजेश राम ने युवाओं को शांत करने और कार्यक्रम में सम्मिलित रहने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा कि नाराजगी पर चर्चा कर समाधान निकाला जा सकता है, लेकिन फिलहाल हमें अपने उद्देश्यों से भटकना नहीं चाहिए. राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि राजेश राम पिछले दो टर्म से विधायक हैं, लेकिन कभी भी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता नहीं दी और क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान नहीं किया. इस वजह से अब उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है और क्षेत्र में उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठने लगे हैं.