पटना: बिहार कांग्रेस के नेता गुरुवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित एसबीआई (SBI) के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) जो चंदा दाता है उसे सुप्रीम कोर्ट सार्वजनिक करने की बात कही थी, लेकिन एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगा है. इस बात को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एसबीआई के खिलाफ नारेबाजी की. बिहार प्रदेश के राष्ट्रीय प्रवक्ता आनंद माधव का कहना है कि एसबीआई बीजेपी से घूस लेकर उसे बचा रही है प्रोटेक्ट कर रही है. ये लोग चोर चोर मौसेरा भाई हैं.


एसबीआई के आवेदन खिलाफ एनजीओ ने दायर की याचिका 


प्रदेश कांग्रेस के नेता एसबीआई बैंक के सामने नारेबाजी कर रहे हैं उनका कहना है कि एसबीआई 30 जून तक का समय क्यों मांग रही है. वहीं, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगने के भारतीय स्टेट बैंक के आवेदन को चुनौती देते हुए एक एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में अवमानना ​​याचिका दायर की.


प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण की अवमानना कार्यवाही शुरू करने संबंधी दलीलों पर संज्ञान लिया.


एसबीआई ने शीर्ष अदालत से मांगा है समय


बता दें कि एसबीआई ने चार मार्च को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि चुनावी बॉण्ड का ब्योरा देने के लिए समय 30 जून तक बढ़ाया जाए. शीर्ष अदालत ने पिछले महीने अपने एक फैसले में एसबीआई को इस संबंध में विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को देने का निर्देश दिया था.


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