मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को तारामंडल सभागार में आयोजित बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे. वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम में भाग लेकर जब वह तारामंडल से निकल रहे थे, तो एकाएक हाथ में कागज लेकर कुछ लड़के-लड़कियां वहां चिल्लाने लगे. "सर सर सर... मेरी बात सुन लीजिए.", लेकिन मुख्यमंत्री का काफिला आगे बढ़ गया. नीतीश कुमार हाथ हिलाते हुए निकल गए और लड़के-लड़कियां चिल्लाते रह गए.
'मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया'
दरअसल मुख्यमंत्री से गुहार लगाने वाले यह सभी बिहार लोक सेवा आयोग की होने वाली बहाली में इंजीनियरिंग के अभ्यर्थी हैं. इनका यह कहना है कि जो लोग कांटेक्ट पर हैं उन्होंने 133 नंबर वेटेज दिया जा रहा है, जिसके कारण उनकी बहाली नहीं हो पा रही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने आए थे इन्हें मिलने नहीं दिया गया.
हमारी मांग है कि बिहार लोक सेवा आयोग की जो इंजीनियरिंग की भर्ती हो रही है उसमें कांटेक्ट वाले को वेटेज अंक नहीं दिया जाए. वेटेज अंक उन्हें मिल रहा है जिस कारण से हमलोगो बहाली नहीं हो पा रहा है. मौके पर पहुंचे पटना DM त्याग राजन एस एम ने कहा कि अभ्यर्थियों से बात हो गई है इन लोग का मामला बीपीएससी को भेजा जाएगा.
सभी इंजीनियरिंग अभ्यर्थी काफी गुस्से में थे. एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम लोग 4 साल 5 साल से भटक रहे हैं. कहने को इंजीनियर हैं, लेकिन बेरोजगार हैं. एक लड़की ने बताया कि नौकरी की आस में अभी तक शादी नहीं किया. उम्र भी पार हो रही है और जब मौका मिला तो हम लोग को वेटेज नहीं दी जा रही है. एक अभ्यर्थी ने कहा हम लोग 4-5 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं लेकिन हम लोग को वेटेज नहीं दिया जा रहा है.
इंजीनियरिंग अभ्यर्थी ने क्या कहा?
एक इंजीनियरिंग अभ्यर्थी ने कहा कि यही वजह है कि नए-नए लोगों को लाया जाता है तो आए दिन पुल गिरने और बिहार सरकार के काम खराब होने की खबरें आती है. अगर एक्सपीरियंस वालों को नहीं रखा जाएगा और उन्हें तरजीह नहीं दी जाएगी तो फिर ऐसे ही काम खराब होता रहेगा, क्योंकि सरकार की जो पॉलिसी है वह काबिल आदमियों की रखने की नहीं है.
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