पटना: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) की पांच दिवसीय कथा हो रही है. 13 मई से कथा की शुरुआत हुई थी. 17 तारीख को समापन है. बिहार आने से पहले ही धीरेंद्र शास्त्री को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई थी. कहीं समर्थन तो कहीं विरोध हो रहा था. अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी मंगलवार (16 मई) को बड़ा बयान दिया है. 

नीतीश कुमार ने कहा कि हमको आश्चर्य होता है जो ऐसा बोलते हैं. क्या जरूरत है ऐसा बोलने की? यहां हिंदू-मुस्लिम सब है. सबको अपने ढंग से पूजा का अधिकार है. सब धर्म मानने का अधिकार है. आजादी की लड़ाई कौन लड़े थे? संविधान सबकी सहमति से बना. हमको आश्चर्य होता है जो ऐसा बोलते हैं. क्या जरूरत है ऐसा बोलने की?

संविधान में हर तबके के उत्थान की बात: नीतीश

सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इस देश में सात धर्म हैं. पारसी तो बहुत कम है. नीतीश ने कहा कि जो अपनी मर्जी से बोल रहा है उसकी कोई वैल्यू नहीं है, मीडिया लिख देगा कि ऐसे बयान संविधान का उल्लंघन है तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग बोल रहे हैं उनका जन्म आजादी की लड़ाई के वक्त थोड़ी हुआ था. संविधान में हर तबके के उत्थान की बात है. संविधान में परिवर्तन करेगा तो लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत चाहिए. मेरे खिलाफ जो बोलता है उससे उसे फायदा होता है.

बता दें कि आयोजन समिति की ओर से कार्यक्रम में आने के लिए नीतीश कुमार को भी न्योता दिया गया था. हालांकि वे नहीं गए. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी बुलाया गया था. तेजस्वी यादव ने बयान दिया था कि हमलोगों को तो निमंत्रण आते रहता है, लेकिन वो बिहार की जनता की सेवा और काम करने में अपना समय लगा रहे हैं. यह भी कहा था कि जहां हमारा समय उपयोगी होगा, हम वहां समय देंगे. 

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