छपराः सरकारी काम में टेंडर के लिए अक्सर धोखाधड़ी की खबरें आती रहती हैं. इस बार मामला बिहार के छपरा से जुड़ा है, जहां मांझी विधानसभा के विधायक सत्येंद्र यादव (सीपीआई-एम) और ठेकेदार अजय सिंह के बीच की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो बीते दो-तीन दिन पहले का बताया जा रहा है. हालांकि एबीपी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है. वायरल ऑडियो में किसी टेंडर को लेकर बातचीत की जा रही है.

सारण के मांझी विधायक सत्येंद्र यादव ने ठेकेदार अजय सिंह को फोन किया है. टेंडर मैनेज करने की बात कही जा रही है. हालांकि टेंडर किस चीज के लिए डाला जाना है यह बातचीत में पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है. हां ये है कि दोनों पीछे हटने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. वायरल ऑडियो में दोनों के बीच क्या बातचीत हो रही है इसे पढ़ें.

यह भी पढ़ें- Muzaffarpur Road Accident: मुजफ्फरपुर में भीषण सड़क हादसा, होटल में घुसी अनियंत्रित स्कॉर्पियो, 3 लोगों की मौत, कई घायल

विधायक और ठेकेदार के बीच की कुछ बातचीतविधायक- हऊ काम मैनेज कर देले बानीठेकेदार- कवन विधायक- मांझी में निकलल बा, डाले के ना होईठेकेदार- ई कइसे हो जाई कि डाले के ना होई, तु कइसे मैनेज कर देबS? ठीकदार हम बानी, टेंडर डाले के बा हमरा, तू विधायक हउअ त अपना मन के कर  विधायक- हम का करीं? हमरा के धमकी दे तारSठेकेदार- लअअअ... फेर आ गइल नू अपना रंग प..विधायक- बोले लगल अइसन हिसाब से...ठेकेदार- तू विधायक हो सके लS... सत्येंद्र भाई ठीक बा लेकिन इ मतलब नइखे नु कि जवन चहब उ कर लेबSविधायक- ठीक बा... ठेकेदार- अभय सिंह के काम देलह... कह तारS मैनेज कर ल विधायक- चंदन सिंह के काम दियाइल बा... बुझलअ.. अभय सिंह करिहन ओपर मार होईठेकेदार- जवन भाषा बोलअ तार उ बोल सकेलS.. हमरा सामने फोन पर विधायक- हां..ठेकेदार- कभी ना कह सकेलS.. सत्येंद्र भाई ... कहियो नइख कह सकत ई बात विधायक- सुनना.. उनका से कवनो बात नइखे करेकेठेकेदार- सुनS सत्येंद्र भाई... तू विधायक बारअ लेकिन कहियो नु तहरा से भारी चीज बारनविधायक- भारी से नइखे मतलब... हम बानी.. हमरा इच्छा से होईठेकेदार- ना...ना.. ना... विधायक बार त खाली विधायक बार...विधायक के अलावा कुछ नइख...विधायक- त करे द ना (टेंडर) करवा दे तानी...नोटः इस तरह आगे भी बातचीत की आगे भी ऑडियो जारी है...

यह भी पढ़ें- Vigilance Raid: निगरानी विभाग की टीम ने सिवान में की RAID, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता पर कसा शिकंजा