पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समाधान यात्रा पर हैं. वह जहां-जहां जा रहे हैं वहां-वहां बीटीईटी, सीटीईटी या एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को नजरबंद किया जा रहा है. शुक्रवार को बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद (BJP Nikhil Anand) ने यह दावा किया. शुक्रवार को ट्वीट करते हुए उन्होंने तस्वीर भी शेयर की है.


निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा- "सीएम नीतीशजी का 'समाधान यात्रा' नहीं, 'जन-अपमान यात्रा' या 'नजरबंद यात्रा' है.जिस जिले में सीएम जा रहे हैं, BTET- CTET- STET उत्तीर्ण को पकड़कर नजरबंद कर दिया जा रहा है. पश्चिमी चंपारण-सीतामढ़ी में सीएम के पहुँचने से पहले शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस उठा ले गई."






"राजा नीतीश के यात्रा वाले जिले में प्रदर्शन, नारेबाजी, कार्यक्रम करने या उसमें जाने पर DM-SP व थाना ने BTET- CTET- STET 'शिक्षक अभ्यर्थियों' को गंभीर धाराओं में केस ठोकने और अंजाम भुगतने की धमकी दी है. संविधान पर खतरे की बात करने वाला लोकतंत्र का गला घोंट रहा है."


सीएम नीतीश कुमार दे दें इस्तीफा


बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा बीएसएससी परीक्षार्थियों और शिक्षक अभ्यर्थियों को पटना की सड़कों पर बेतरह पीटे जाने की खबर से अनभिज्ञता जाहिर करने पर कहा कि अगर इसके बारे में मुख्यमंत्री को नहीं पता है तो यह आश्चर्य की बात है. अपने सचिवालय से पांच किलोमीटर के दायरे में हो रही घटनाओं के बारे में भी मुख्यमंत्री अनजान हैं. ऐसे अजानकार मुख्यमंत्री की बिहार को जरूरत नहीं है इसलिए नीतीश कुमार से निवेदन है कि बिहार और बिहार की जनता के हित में अविलंब इस्तीफा देकर आश्रम प्रस्थान कर जाएं.


निखिल आनंद ने कहा कि लोकतंत्र में चुना गया प्रतिनिधि जब लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद खेलने खाने के बाद अघा जाता है, मस्तमौला-मस्तीखोर हो जाता है तो राजशाही अंदाज में राजा की तरह व्यवहार करने लगता है. अब ऐसे ही राजा नीतीश कुमार जी हो गए हैं जो बिहार की जनता से राजशाही अंदाज में बात-व्यवहार करने लगे हैं. नीतीश कुमार के कानों तक जनता की आवाज नहीं जाती बल्कि राज दरबारियों कि गलत या सही कही गई बातों पर ही भरोसा कर वे राज को चला रहे हैं.


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