Patna News: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद और राज्य विधानमंडलों (Parliament and State Legislatures) को प्रभावी बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें और विधायी तरीकों से उनका आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करें.



समाज के अंतिम पायदान पर खड़े को मिले लाभ
विधानसभा भवन शताब्दी समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को भी मिले ताकि समाज में सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक बदलाव आ सके. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधि (सांसद और विधायक) सिर्फ अपने क्षेत्र का नहीं बल्कि राज्य का भी प्रतिनिधित्व करते हैं.

बिहार विधानसभा बढ़ रही है लोगों की भागीदारी
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, "आज 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाते हुए हमें अपने देश और लोकतंत्र को और मजबूत बनाने के लिए स्वयं को पुन:प्रतिबद्ध करने की जरूरत है. भारत में बहुदलीय संसदीय प्रणाली है और सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन सत्ता में जो भी दल हो उसे लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में सकारात्मक तरीके से काम करना चाहिए. लोकतांत्रिक देश में सदन की शुचिता सदस्यों के व्यवहार से जुड़ी होती है. इसलिए इसे बनाए रखना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी बनती है. सदन चर्चा और बातचीत के लिए 'योजनाबद्ध विघटन' के लिए नहीं है. बिहार विधानसभा जनोन्मुखी हो रहा है और उसमें लोगों की भागीदारी बढ़ रही है."


संयुक्त बैठक को किया संबोधित
बिरला ने बिहार विधानमंडल के सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम की शुरुआत की और विधायकों तथा विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे.


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