बिहार की राजनीति में सियासी बयानबाजी ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया एक्स पर बिहार की 'डबल इंजन' सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा कि वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और इसे बदलने की सख्त जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में न केवल सरकार बदलेगी, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी हटाया जाएगा.
इस पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लालू के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. कुशवाहा ने राजद पर पलटवार करते हुए लालू परिवार पर पुराने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया और कहा कि लालू जैसे लोग खुद भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं, इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
लालू बताएं कि वे किस मामले में जेल से बेल पर हैं- कुशवाहा
उमेश कुशवाहा ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि लालू प्रसाद यादव बताएं कि वे किस मामले में जेल से बेल पर हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसी वजह से लालू यादव बेचैन हो गए हैं. कुशवाहा ने कहा कि बिहार में विकास और सशक्त नेतृत्व के कारण जनता एनडीए के साथ है.
लालू को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई अधिकार नहीं- नीरज कुमार
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी लालू के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने इसे 'मजाक' करार देते हुए कहा कि लालू को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके कार्यकाल में बिहार में 'जंगल राज' था और वह स्वयं कई भ्रष्टाचार मामलों में आरोपी हैं. नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि लालू को सोशल मीडिया पोस्ट करने की बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए.
खेल को खेल की भावना से ही देखना चाहिए- नीरज कुमार
इसके अलावा, नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया मणिपुर दौरे का स्वागत किया. उन्होंने इसे राज्य में शांति, अमन और चैन बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच पर विपक्ष द्वारा की गई आलोचना का भी जवाब दिया और कहा कि खेल को खेल की भावना से ही देखा जाना चाहिए.
कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति में विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. लालू प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, वहीं जदयू नेताओं ने अपने पलटवार में विकास, लोकप्रियता और नैतिक अधिकार का मुद्दा उठाकर जवाब दिया. यह बयानबाजी आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल और बहस को और तेज कर रही है.