दिवाली की जगमगाहट के बाद अब बिहार की हवा भारी और धुंधली हो गई है. पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में मंगलवार (21 अक्टूबर) की सुबह लोगों ने जब घरों से कदम बाहर रखा, तो आंखों में चुभन और गले में खराश ने स्वागत किया. दिवाली की रात जमकर हुई आतिशबाजी का असर अब प्रदेश के वातावरण पर साफ दिख रहा है.

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पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, दीपावली के बाद राज्य में तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है और हवा की रफ्तार बेहद कम हो गई है. हवा के धीमे चलने (2-3 किमी प्रति घंटा) के कारण प्रदूषित कण वातावरण में लंबे समय तक फंसे रह गए हैं. पटना का अधिकतम तापमान 33.8°C और न्यूनतम 24.7°C दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर में सबसे कम तापमान 20.4°C रहा.

पटना में 238 तक पहुंच गया AQI

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े भी चिंताजनक हैं. पटना में मंगलवार सुबह AQI 238 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वहीं गया, भागलपुर और दरभंगा में यह 150 से 300 के बीच दर्ज किया गया है. इसका सीधा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है.

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बिहार के कई हिस्सों में मध्यम बारिश के आसार

इस बीच, मौसम विभाग ने राहत की संभावना भी जताई है. बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण 25 अक्टूबर के आसपास बिहार के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. यदि यह बारिश होती है, तो हवा में मौजूद सूक्ष्म कण नीचे बैठ जाएंगे और प्रदूषण का स्तर घटेगा.

बोर्ड ने लोगों से नियम का पालन करने की अपील की

पटना नगर निगम और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक वाहन प्रयोग से बचें और खुले में कचरा न जलाएं. साथ ही, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग कुछ दिनों तक सुबह की सैर से परहेज करें और घरों में एयर प्यूरिफायर या इनडोर पौधों का इस्तेमाल बढ़ाएं.

फिलहाल बिहार बढ़ते तापमान और फंसे हुए धुएं की दोहरी चुनौती झेल रहा है. लेकिन यदि अनुमानित बारिश समय पर हुई, तो यह न केवल प्रदूषण को कम करेगी बल्कि ठंडी हवाओं के साथ मौसम को भी सुहावना बना देगी.