भूमि सर्वे के लिए संविदा पर नियुक्त हुए विशेष सर्वे अमीन, कानूनगो और अभियंता अपनी पांच पुत्री मांगों को लेकर पिछले 16 अगस्त से हड़ताल पर हैं. अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियुक्ति संविदा पर हुई थी. विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों एवं अभियंता संघ के जरिए की जा रही हड़ताल और धरना-प्रदर्शन अनुचित है और नियमावली के विपरीत है.

अपर मुख्य सचिव ने क्या कहा?

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने शनिवारको इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करके निर्देश दिया है कि अगर आंदोलनरत कर्मियों के जरिए विधि-व्यवस्था भंग करने या सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो उनके विरुद्ध नियमों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाए.

पत्र में कहा गया है कि संविदाकर्मी अपनी पांच सूत्री मांगों जैसे सेवा नियमित करना, समतुल्य पद पर अधिमान्यता और वेतनमान, ईएसआईसी सुविधा आदि को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. उनका नियोजन बिहार विशेष सर्वेक्षण मानदेय आधारित संविदा नियोजन नियमावली 2019 और संशोधन नियमावली 2022 के तहत हुआ है.

इन सभी संविदा कर्मियों ने नियुक्ति के समय ही यह शर्त स्वीकार की थी कि यह भूमि सर्वे के समय निर्धारण तक यह नियोजन है. इसे किसी भी अवस्था में नियमित सेवा में तब्दील नहीं किया जा सकता. नियोजन से पूर्व सभी कर्मियों ने लिखित रूप से यह घोषणा की थी कि वे सरकारी स्थायी नौकरी का दावा नहीं करेंगे. उन्होंने आगे लिखा है कि इसके बावजूद अपनी मांगों को लेकर इन संविदा कर्मियों के जरिए हड़ताल और धरना किया जा रहा है.

13000 विशेष सर्वे कर्मी हड़ताल पर

बता दें कि राजस्व भूमि सुधार विभाग ने 16 अगस्त से 20 सितंबर के लिए विशेष महा अभियान की शुरूआत की है. उसी दिन से 4200 का ग्रेड पे करने एवं 60 साल की नौकरी करने की मांग को लेकर विशेष सर्वे कर्मी हड़ताल पर है और गर्दनीबाग पटना में लगातार धरना दे रहे हैं. पूरे बिहार में 13000 विशेष सर्वे संविदा कर्मी हैं, जो अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. अब विभाग की ओर से साफ कर दिया गया है कि उनकी मांगे  किसी भी हाल में पूरी नहीं होगी क्योंकि उन्हें शर्त के अनुसार ही रखा गया था.

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