पटनाः बिहार में शराबबंदी लागू है और लगातार इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सरकार लगी हुई है. यही वजह है कि अभी 26 नवंबर को ही पटना के ज्ञान भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक बार फिर राज्य के कर्मचारियों को शराब नहीं पीने और नहीं पीने देने की शपथ दिलवाई जिसको लेकर विपक्ष हमलावर रहा. अब सवाल है कि विपक्ष जिस तरह से हमलावर है वैसे में नए विधायक शराब पीने की शपथ लेंगे या नहीं क्योंकि आज से ही बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है.


कई ऐसे विधायक जो पिछले विधानसभा में नहीं थे सदस्य


दरअसल, 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद दोनों सदनों के सदस्यों ने संकल्प लिया था कि वे खुद शराब नहीं पीएंगे और दूसरों को भी पीने से रोकेंगे. उस समय विधानमंडल की संरचना अलग थी. आज सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि शराबबंदी  जब लागू की गई तो उस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. आरजेडी और कांग्रेस मंत्रिमंडल में थी और बीजेपी विपक्ष में, लेकिन आज सब बदल गया है. करीब 150 ऐसे विधायक हैं जो पिछले विधानसभा में सदस्य नहीं थे, इन्होंने शराबबंदी को लेकर शपथ भी नहीं ली है. लगातार दूसरी बार जीते विधायकों को पिछले टर्म में ही शपथ दिला दी गई थी.


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विधानसभा अध्यक्ष ने क्या कहा?


इधर, शराबबंदी पर शपथ को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नए विधायकों को शराब न पीने की शपथ दिलाने के विचार को खारिज नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. वहीं दूसरी ओर विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह का कहना है कि 26 नवंबर को परिषद के अधिकारियों-कर्मचारियों ने शराब न पीने की शपथ ली. उसमें कुछ ही सदस्य शामिल थे. पूर्व में शपथ नहीं लेने वाले सदस्यों से शपथ पत्र भरवाया जाएगा.


शपथ पर तेजस्वी यादव कस चुके हैं तंज


बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शराबबंदी पर ली गई शपथ को लेकर नीतीश कुमार पर तंज कस चुके हैं. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने भी एक शपथ ली थी, उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा. लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलाउंगा. उस शपथ का क्या हुआ?



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