Bihar News: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 'सौगात-ए-मोदी' के तहत देश के मुस्लिम समाज के परिवारों को मोदी किट दी जा रही है. देशभर के मुस्लिम समुदाय के लागों के साथ बिहार के भागलपुर जिले के मुसलमान भी इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं. खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि मुसलमानों के बिना विश्व गुरु की कल्पना अधूरी रह सकती है.

सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा, "ईद के मुबारक मौके पर पीएम मोदी की तरफ से 'सौगात-ए-मोदी' के नाम से 32 लाख गरीब परिवारों को किट दी जा रही है. इस पहल से मुसलमानों को करीब लाने की जो पहल प्रधानमंत्री ने की है, वह स्वागत योग्य है."

'बीजेपी सरकार में मुसलमानों की भी नुमाइंदगी हो'

सज्जादानशीं ने कहा, "पीएम मोदी तक अगर मेरा पैगाम पहुंचता है, तो मैं उनसे गुजारिश करना चाहूंगा कि मुस्लिम समाज के लोगों को साथ लिए बगैर और उनका विश्वास जीते बिना विश्व गुरु का सपना साकार नहीं हो सकता है. इसलिए 'सौगात-ए-मोदी' के नाम पर जो सकारात्मक पहल प्रधानमंत्री की है उसकी तारीफ होनी चाहिए. सौगात-ए-मोदी द्वारा जो पैगाम पीएम मोदी देना चाहते हैं, इसकी कामयाबी के लिए जरूरी है कि बीजेपी सरकार में मुसलमानों की भी नुमाइंदगी हो."

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से मेरी अपील है कि वह सैयद शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा के रास्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करें, जो मुसलमानों को करीब लाने का एक अमली कदम साबित होगा.

क्या है 'सौगात-ए-मोदी' अभियान?

बता दें कि 'सौगात-ए-मोदी' अभियान बीजेपी की तरफ से शुरू किया गया एक अभियान है. इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और बीजेपी तथा एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना है. यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है. इस अभियान के तहत बीजेपी ने 32 लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचने और तीन हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है.

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