पटना: सुल्तानगंज और खगड़िया के अगुवानी के बीच गंगा नदी पर बनाया जा रहा फोरलेन पुल रविवार की शाम क्षतिग्रस्त होकर गिर गया. अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के इस्तीफे की मांग होने लगी है. पहले भी पिलर नंबर पांच गिर चुका है. रविवार की शाम पाया संख्या 10, 11 और 12 नदी में गिर गया. बिहार बीजेपी की ओर से हमला करते हुए कहा गया कि नीतीश कुमार की महाभ्रष्टाचारी सरकार का नमूना खगड़िया-भागलपुर गंगा पुल दोबारा ढहा, क्या चच्चा-भतीजा की भ्रष्टाचारी जोड़ी इस्तीफा देगी?


इस घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी सरकार को घेरा. अश्विनी चौबे ने कहा- "धन्य हो बिहार सरकार, धन्य है आपका भ्रष्टाचार. अगुवानी-सुल्तानगंज पुल जो गंगा नदी में समा गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह पुल आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इसकी जांच अविलंब होनी चाहिए. बिहार सरकार पुल निर्माण निगम के सभी सेतु की सेफ्टी की जांच कराएं जिससे जान माल की रक्षा हो सके. मुझे दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि बिहार राज्य सेतु निगम की ओर से जो निर्माणाधीन जो यह पुल है उस पर भगवान भरोसे ही काम हो रहा है."


'नीयत में जब खोट होगी तो नीति कैसे सफल होगी?'


भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीयत में जब खोट होगी तो नीति कैसे सफल होगी? एक बार सुलतानगंज के तरफ पुल गिरा था और आज खगड़िया की ओर गिरा है. कई पुल पुर्णिया में भी गिरे हैं, बिहार के अंदर यह कमीशनखोरी की प्रथा गुणवत्ता विहीन काम चरम पर है जिसकी छवि दिखाई दे रही है.


आनन-फानन में तेजस्वी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस


बता दें कि रविवार की शाम हुई इस घटना के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पुल को लेकर बताया कि पहले भी पिलर नंबर पांच गिर चुका है. आईआईटी रुड़की से जांच कराई गई है. निर्माणाधीन पुल के स्ट्रक्चर गिरने पर तेजस्वी ने कहा कि हमलोगों को आशंका थी और वही हुआ. जांच के बाद पुल की डिजाइन पर सवाल उठा था. पाया पांच के सभी सेगमेंट को तोड़वाया गया था. जांच हो रही थी कि रविवार को यह घटना हो गई.


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