Atmanirbhar Bharat: कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया था. इस दौरान बिहार के भी हजारों लोग जो दूसरे प्रदेशों में काम करते थे, उन्हें अपने राज्य लौटना पड़ा था. ऐसे में लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया. इसे देखते हुए कुछ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने के मंत्र को अपनाते हुए कुछ काम शुरू किया. उन्हीं में से एक आरा का रहने वाला रंजन भी है.


कर्ज लेकर शुरू किया अपना काम
रंजन कोरोना महामारी से पहले दूसरे राज्य में एक कंपनी में काम करता था. पहले तो वहां महीना कम मिलता था, दूसरी तरफ कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन लग गया. इसके बाद रंजन ने अपने गांव वापस आकर कुछ अपना करने का फैसला लिया. रंजन ने इसके लिए कुछ रुपये कर्ज लेकर एक मोपेड (बाइक) और इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ-साथ चक्की पीसने वाला एक होंडा मशीन खरीद लिया. अब रंजन बिहार के अलग-अलग शहरों में मोपेड पर चना का बोरा लादकर शुद्ध चने का सत्तू बेच रहे हैं. कटिहार जिले के गली-मोहल्ले में अपने मोपेड पर चक्की मील लेकर घूम रहे रंजन की मेहनत, समान के शुद्धता की गारंटी और बाजार से सस्ते दाम पर मिलने की वजह से ग्राहकों को भी काफी पंसद आ रहा है.




रंजन ने पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
रंजन के मुताबिक इससे हर दिन एक हजार रुपये से अधिक की कमाई हो जा रही है. रंजन ने आत्मनिर्भर बनने का मंत्र देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद कहा है. वहीं ग्राहकों ने शुद्धता और घर पर ही सामान की उपलब्धता से काफी खुश हैं. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनने के मुहिम में रंजन ने जिस तरह टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए अपने जीविकोपार्जन के लिए एक रास्ता निकाला है, यह लोगों के लिए काफी प्रेरणा का स्रोत है.


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