छपरा: सारण जिले के कई प्रखण्ड इन दिनों बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. सरकारी और प्रशासनिक स्तर से उचित मदद नहीं मिलने से लोगों में भारी असंतोष है. ऐसे में अब उनका यह असंतोष आक्रोश के रूप में फूटने लगा है, जिसका शिकार अधिकारी और जन प्रतिनिधि हो रहे हैं. ताजा मामला जिले के मशरक प्रखंड के कर्ण कुदरिया पंचायत के सिंसई सिउरी गांव की है, जहां बाढ़ पीड़ितों ने जिला कल्याण पदाधिकारी और मुखिया को बंधक बना लिया, घंटों बंधक रहे अधिकारियों को फिर किसी तरह ग्रामीणों के पहल पर छुड़ाया गया.
गांव की स्थिति से कराया अवगत
मिली जानकारी अनुसार, जिला कल्याण पदाधिकारी कौशल किशोर पासवान और मुखिया प्रतिनिधि हरिशंकर शर्मा बुधवार को कर्णकुदरिया गोलम्बर पर बाढ़ राहत कैम्प का जायजा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान को ग्रामीण उन्हें उठाकर पैदल गांव में दो किलोमीटर दूर लेकर चले गए. इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर पाई. गांव वालों ने पूरे गांव की घेराबंदी कर दी. वहीं अधिकारी और मुखिया प्रतिनिधि को बाढ़ से उत्पन्न हालात से अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारी और मुखिया जी जमकर खरी-खोटी सुनाई और गली गलौज भी की.
सीओ को बंधक बनाने का था टारगेट
इधर, डरे सहमे जिला कल्याण पदाधिकारी और मुखिया प्रतिनिधि घंटों बेबस और लाचार बने बाढ़ पीड़ितों के चंगुल में रहे. बाद में उसी गांव के कुछ युवकों की टीम ने गांव पहुंच अधिकारी और मुखिया प्रतिनिधि को बाढ़ पीड़ितों के चुंगल से छुड़ाकर वापस भेजा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों के असल टारगेट सीओ थे, लेकिन मौके पर सीओ नहीं मिले, तो उन्होंने इन दोनों को बंधक बना लिया.
ग्रामीणों की चंगुल से छूटने ने के बाद जिला कल्याण पदाधिकारी कौशल किशोर पासवान और मुखिया प्रतिनिधि हरिशंकर शर्मा ने थाने में घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. वहीं पुलिस इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से बच रही है.