भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह को लगता है कि वह कोचिंग के बजाय सीमित ओवरों के क्रिकेट अपने अनुभव के कारण सलाहकार की भूमिका बेहतर तरीके से निभा सकते है. युवराज केविन पीटरसन के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा कि वह कमेंट्री की जगह कोचिंग और मेंटरिंग को तरजीह देना चाहेंगे.

युवराज ने कहा, ‘‘ मैं शायद उसकी (कोचिंग) शुरुआत करूंगा. मैं कॉमेंट्री करने से ज्यादा कोचिंग के लिए उत्सुक हूं.’’उन्होंने कहा कि वह खिलाड़ियों की मानसिकता पर काम कर सकते हैं, खासकर सीमित ओवरों में जिसमें उन्हें दशकों से महारत हासिल है.

भारत की दो विश्व कप जीतों का अहम हिस्सा रहे युवराज ने कहा, "मैं सीमित ओवरों के बारे में ज्यादा जानता हूं और इसिलए मैं खिलाड़ियों से अपना अनुभव बांट सकता हूं कि वो नंबर-4, 5, 6 पर किस मानसिकता के साथ जा सकते हैं." पिछले साल अपने शानदार करियर को अलविदा कहने वाले युवराज ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि भारतीय टीम को मनोवैज्ञनिक की जरूरत है. युवराज ने कहा, "मैं शायद मेंटॉर के तौर पर शुरुआत कर सकता हूं और अगर यह अच्छा रहा थो फुल टाइम कोचिंग."

इस समय कॉमेंट्री कर रहे इंग्लैंड के पूर्व कप्तान पीटरसन ने युवराज से कॉमेंट्री में आने को कहा था. बाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "मैंने सोचा है कि मैं एक साल का ब्रेक लूंगा. कुछ टूर्नामेंट्स खेलूंगा जो अच्छे होंगे. मैं आप लोगों के साथ आऊंगा और कॉमेंट्री सीखूंगा. मैं नहीं जानता कि मैं एक कॉमेंटेटर के तौर पर कैसा करूंगा. मैं आप लोगों से सीखूंगा."

युवराज ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिता रहे हैं और साथ ही उम्मीद जताई कि वह जल्द ही पिता बनेंगे. उन्होंने कहा, "मैं अभी इस समय अपने परिवार के साथ समय बिता रहा हूं. मैं काफी समय पार्क में बिता रहा हूं. उम्मीद है जल्दी पिता बनूं और फिर कोचिंग, कॉमेंट्री में आऊं."