नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम की पत्नी ने नस्लवाद को बीमारी करार दिया है. उन्होंने कहा कि वसीम से शादी होने पर उन्हें कई तरह की बातें सुनने को मिली थीं. उन्होंने खुलकर रंगभेद और नस्लवाद के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी बात कही है.


शनीरा अकरम ने इंस्टाग्राम पर अपनी शादी के बाद पेश आनेवाली घटनाओं के बारे में लिखा, “जब मेरी शादी हुई तो मेरे पति पति को कहा गया कि मेरे गोरे रंग होने की वजह से उन्होंने दूसरे मुल्क की लड़की से शादी की.” उसके बाद यहां तक पूछा जाने लगा कि वसीम ने किसी देसी लड़की या फिर गहरे रंगत वाली से शादी क्यों नहीं की?


पूर्व क्रिकेटर की पत्नी का कहना है कि ये सब बेकार की बातें हैं. सच ये है कि उनका एक साथ जिंदगी गुजारना इस बात का सबूत है कि रंग और नस्ल का कुछ भेद नहीं होता. असल में मोहब्बत और एक दूसरे की भावनाओं को समझना ही जरूरी है.


उन्होंने रंग और नस्ल में भेद को रद्द करते हुए लिखा कि नस्लवाद सिर्फ परेशानी फैलाता है. उन्होंने नस्ल की बुनियाद पर पक्षपात को खारिज करने और उसे बीमारी बताने के लिए कई हैशटेग का भी इस्तेमाल किया. अपने पोस्ट में उन्होंने अपने पति और अपने हाथों की एक तस्वीर भी साझा कर लोगों को रंग और नस्ल से ऊपर उठकर मोहब्बत करने का संदेश दिया है.



गौरतलब है कि उनका पोस्ट ऐसे समय में सामने आया है जब रंग, नस्ल और विशेष तौर पर अश्वेत लोगों के साथ होनेवाली नाइंसाफियों पर दुनिया में आंदोलन चल रहे हैं. रंगभेद के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत अमेरिका में पुलिस के हाथों मारे गए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुई. उसके बाद विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है.


इसी मुहिम के तहत शनीरा अकरम ने भी अपनी पोस्ट में नस्लीय पक्षपात के खिलाफ आवाज बुलंद की है. ऑस्ट्रेलिया की रहनेवाली शनीरा ने वसीम अकरम से 2013 में 30 बरस की उम्र में शादी कर सुर्खियां बटोरी थी. वसीम अकरम की पहली पत्नी डॉक्टर हुमा का 2009 में देहांत हो चुका है. उनकी पहली पत्नी से 2 बेटे हैं.


ये भी पढ़े:


गांगुली की कप्तानी में खेल चुके इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा- रोहित शर्मा टी20 में भी जड़ सकते हैं दोहरा शतक


स्पिनर्स के लिए भी जरूरी है लार क्योंकि, गेंद को ड्रिफ्ट करवाने में मिलती है मदद: युजवेंद्र चहल