फाइनल में टीम इंडिया की शानदार जीत के बाद भी निराश था ये खिलाड़ी
शंकर ने कहा, ‘‘टीम में हर किसी यहां तक कि कप्तान (रोहित शर्मा) और कोच (रवि शास्त्री) ने मुझसे कहा कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के साथ भी ऐसा हो सकता है और मुझे बुरा नहीं मानना चाहिए.’’
टीम में चयन के सवाल पर शंकर ने कहा, ‘‘चयन मेरे चिंता नहीं है. सकारात्मक बात यह है कि दो सप्ताह में आईपीएल में शुरू हो रहा है और मेरा ध्यान दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से अच्छा प्रदर्शन करने पर है.’’
शंकर के इस प्रदर्शन के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि जब आप भारत के लिये खेलते हो तो ऐसा हो सकता है. अगर मैंने अपने दम पर मैच जिता दिया होता तो यही सोशल मीडिया मेरे गुणगान कर रहा होता.’’
इसके साथ ही शंकर ने स्वीकार किया कि इस रोमांचक मैच में उन्होंने नायक बनने का मौका गंवा दिया. उन्होंने कहा, ‘‘फाइनल के बाद जब सभी खुश थे तो तब मुझे निराशा हो रही थी कि मुझसे कैसे गलती हो गयी. मुझे नायक बनने का मौका मिला था. मुझे मैच का अंत करना चाहिए था.’’
जी हां, हम बात कर रहे हैं युवा ऑल-राउंडर विजय शंकर की. दिनेश कार्तिक की वजह से भले ही भारतीय टीम जीत गई हो लेकिन अगर उस मुकाबले में भारत हारता तो उसका जिम्मेदार विजय शंकर को माना जाता.
इस प्रदर्शन के बाद शंकर ने कहा,‘‘वह मेरा दिन नहीं था लेकिन मैं उसे नहीं भुला पा रहा हूं. मैं जानता हूं कि मुझे उसे भूलना चाहिए. उस अंतिम दिन को छोड़कर मेरे लिये टूर्नामेंट अच्छा रहा था.’’
दिनेश कार्तिक की शानदार पारी की मदद से भारतीय टीम ने निदहास ट्रॉफी के फाइनल हारी हुई बाज़ी को जीतकर भारत के खाते में डाल दिया. टीम इंडिया की इस जीत से टीम का हर खिलाड़ी खुश है. लेकिन एक ऐसा खिलाड़ी भी है जो तब से अब तक निराशा के दौर से गुजर रहा है.