USA Cricket: अमेरिका में क्रिकेट का भविष्य इन दिनों संकट में नजर आ रहा है. पिछले महीने आईसीसी (ICC) ने USA क्रिकेट को उसके दायित्वों को बार-बार तोड़ने के आरोप में सदस्यता से निलंबित कर दिया था. अब इस विवाद के बीच USA क्रिकेट ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया है. बोर्ड ने चैप्टर 11 दिवालियापन (Chapter 11 Bankruptcy) के लिए अर्जी दाखिल कर दी है. क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आईसीसी सदस्य संस्था ने दिवालियापन की कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया है.

Continues below advertisement

क्या है चैप्टर 11 दिवालियापन?

चैप्टर 11 दिवालियापन अमेरिका का एक कानूनी प्रावधान है, जो किसी संस्था या व्यक्ति को अदालत की निगरानी में अपने कर्ज और वित्तीय संकट को पुनर्गठित करने की अनुमति देता है. इसका मतलब यह नहीं कि संस्था बंद हो जाती है, बल्कि उसे फिर से खड़ा होने का मौका दिया जाता है. यह चैप्टर 7 से अलग है, जिसमें कंपनी की संपत्तियों को बेचकर कर्ज चुकाया जाता है. इसका मकसद संस्था को पूरी तरह बंद करने के बजाय उसे दोबारा खड़ा करना होता है. इसमें संस्था अपने संचालन को जारी रखते हुए उधार चुकाने और वित्तीय व्यवस्था सुधारने की कोशिश कर सकती है. यही वजह है कि इसे "पुनर्गठन दिवालियापन" कहा जाता है.

Continues below advertisement

सुनवाई से ठीक पहले उठाया कदम

अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज (ACE) के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद की सुनवाई शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही USA क्रिकेट के वकील ने कोर्ट में दिवालियापन का ऐलान कर दिया. ACE ने आरोप लगाया कि बोर्ड को पहले से पता था कि नतीजा उसके खिलाफ जाएगा, इसलिए उसने यह कदम उठाया है. साथ ही ACE ने कहा कि USA क्रिकेट अब खिलाड़ियों और खेल के विकास की बजाय राजनीति और आंतरिक खींचतान में उलझा हुआ है.

खिलाड़ियों पर संकट के बादल

इस कदम से उन खिलाड़ियों की चिंता बढ़ गई है जिन्होंने हाल ही में USA क्रिकेट से करार किया है या फिर मेजर और माइनर लीग में शामिल हुए हैं. सबसे बड़ी चुनौती यह है कि USA को 2026 टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेना है, लेकिन अगर बोर्ड की वित्तीय हालत और कानूनी विवाद ऐसे ही बने रहते हैं, तो टीम की भागीदारी पर भी सवाल उठ सकते हैं.

क्रिकेट पर असर

आईसीसी द्वारा सदस्यता निलंबित किए जाने और अब दिवालियापन की अर्जी ने साफ कर दिया है कि USA क्रिकेट गहरे संकट में है. एक तरफ खिलाड़ी भविष्य को लेकर असमंजस में हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका में क्रिकेट को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिशों को भी बड़ा झटका लग सकता है.