भारत के दिग्गज टेनिस प्लेयर रोहन बोपन्ना ने अपने 22 साल लंबे टेनिस करियर को विराम दे दिया है. 45 वर्षीय बोपन्ना ने पेरिस मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में अपने करियर का आखिरी मैच खेला. इसी साल बोपन्ना ने ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी होने का कीर्तिमान स्थापित किया था. साथ ही वो डबल्स टेनिस में नंबर-1 खिलाड़ी बनने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बने.
उन्होंने अपनी रिटायरमेंट पर कहा, "आप ऐसी चीज को अलविदा कैसे कह सकते हैं, जिसने आपके जीवन को महत्व दिया हो. 20 साल से ज्यादा चले इस सफर का अब अंत. मैं टेनिस से रिटायरमेंट ले रहा हूं. भारत का प्रत्निनिधित्व करना मेरे लिए सबसे बड़े गौरव का विषय रहा है. मैं जब भी कोर्ट पर उतरा, मैं तिरंगे के लिए खेला."
दो बार ग्रैंड स्लैम विजेता रहते बोपन्ना ने अपने ऐतिहासिक करियर का अंत किया. उन्होंने मैथ्यू एब्डेन के साथ 2024 ऑस्ट्रेलिया ओपन का मेंस डबल्स खिताब जीता, इसके अलावा उन्होंने गेब्रियला डैब्रोव्स्की के साथ 2017 फ्रेंच ओपन का मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता. इसके साथ-साथ वो चार अन्य मौकों पर ग्रैंड स्लैम फाइनल खेले.
Goodbye, लेकिन अंत नहीं...
रोहन बोपन्ना ने इंस्टाग्राम पर रिटायरमेंट नोट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "गुडबाय, लेकिन अंत नहीं." उन्होंने कहा कि टेनिस उनके लिए सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि इसने उनके जीवन को महत्व दिया और भटकी हुई दिशा से सही रास्ते पर लाया.
2016 ओलंपिक्स में चौथे स्थान पर रहे
2016 ओलंपिक्स की मिक्स्ड डबल्स स्पर्धा में रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा की जोड़ी चौथे स्थान पर रही थी. उन्होंने सिंगल्स स्पर्धा में भी कई बार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स में भाग लिया, लेकिन करियर में ज्यादा सफलता डबल्स में मिली. 2003 में उन्होंने पेशेवर टेनिस खेलना शुरू किया था, इस दौरान कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं.
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