24 साल पहले 10 जून, 1986 को भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट जीत प्रतिष्ठित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर दर्ज की थी. कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने वो किया जो 54 वर्षों तक टीम इंडिया नहीं कर पाई थी. भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में लॉर्ड्स में खेला था लेकिन जीत की सफलता का स्वाद चखने में उन्हें लंबा समय लगा.

कप्तान कपिल देव शो के स्टार थे क्योंकि उन्होंने मैच में पांच विकेट लिए थे. दूसरे इनिंग्स में चार और पहली में एक और नाबाद 23 रन बनाए. जहां कपिल ने भारत को टेस्ट मैच के अंतिम दिन एक पांच विकेट की जीत हासिल करने में मदद की. 5 जून से शुरू हुआ टेस्ट मैच 10 जून को पूरा हुआ क्योंकि 8 वां दिन आराम का था.

भारत ने टॉस जीतने के बाद पहले फील्डिंग का विकल्प चुना था. मेजबान टीम 294 के स्कोर पर आउट हो गई जहां चेतन शर्मा ने पांच विकेट झटके थे.

भारत ने दिलीप वेंगसरकर की 213 गेंदों पर 126 रन की पारी के कारण 341 के स्कोर के बाद पहली पारी में 47 रन की बढ़त लेने में कामयाब रहा. दूसरी पारी में, कपिल देव और मनिंदर सिंह ने गेंद को हाथ में लिया जहां दोनों गेंदबाजों ने चार और तीन विकेट लिए.

इनकी बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को 180 रनों पर आउट कर दिया, जिसके बाद टीम को जीत के लिए 134 रनों का लक्ष्य मिला. मैच के अंतिम दिन रवि शास्त्री और कप्तान कपिल देव ने भारत को पांच विकेट से जीत दिलाई.

तब से भारत ने लॉर्ड्स में 7 टेस्ट मैच खेले हैं तो वहीं कुल 18 और टीम एमएस धोनी की कप्तानी में 2014 में केवल एक ही जीत दर्ज कर पाई है. ईशांत शर्मा आखिरी दिन अपने सात विकेटों के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच थे जहां भारत ने इंग्लैंड को 95 रनों से हराया था.