NZ vs WI Test: न्यूजीलैंड के भरोसेमंद ओपनर टॉम लैथम ने क्राइस्टचर्च टेस्ट में शानदार वापसी करते हुए ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसका इंतजार वह लगभग तीन साल से कर रहे थे. 1073 दिन, यानी करीब तीन साल और 39 पारियों के लंबे इंतजार के बाद लैथम का बल्ला आखिरकार बोल उठा. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरी पारी में धैर्य और तकनीक का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए करियर का 14वां टेस्ट शतक पूरा किया.
इस शतक की खास बात यह रही कि यह विंडीज के खिलाफ उनका पहला टेस्ट शतक है. यानी एक ही पारी में लैथम ने दो बड़ी उपलब्धियां अपने नाम कर लीं, लंबे सूखे का अंत और एक नई टीम के खिलाफ शतक का आगाज.
कैसे बनी लैथम की शतकीय पारी
दूसरी पारी में बढ़त के साथ मैदान पर उतरी न्यूजीलैंड टीम की शुरुआत मजबूत रही. लैथम और साथी ओपनर डेवन कॉनवे ने पहले विकेट के लिए 84 रन जोड़कर मेजबानों को शानदार शुरुआत दिलाई. कॉनवे के आउट होने के बाद भी लैथम ने अपना धैर्य नहीं खोया. तीसरे दिन टी-ब्रेक से ठीक पहले उन्होंने 179 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. इस दौरान उन्होंने 9 चौके लगाए और एक छोर पर मजबूती से टिके रहे.
लैथम की यह पारी न्यूजीलैंड की रणनीति के लिए बेहद अहम रही, क्योंकि इससे टीम ने मैच पर मजबूत पकड़ बना ली. शतक से पहले उनका रचिन रविंद्र के साथ साझेदारी करना भी न्यूजीलैंड के लिए बोनस साबित हुआ.
14 शतकों का सफर
लैथम के कुल 14 टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि वह उपमहाद्वीप और एशियाई परिस्थितियों में बेहद सफल रहे हैं. श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने सबसे ज्यादा 4 शतक जड़े हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ 3-3, जिम्बाब्वे के खिलाफ 2 और अब इंग्लैंड व वेस्टइंडीज के खिलाफ 1-1 शतक उनके नाम दर्ज हैं.
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने भारत, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ अभी तक टेस्ट शतक नहीं लगाया है. हालांकि उनके खिलाफ मौके जरूर बने हैं.