क्रिकेट को अक्सर “जेंटलमैन गेम” कहा जाता है. हालांकि कभी-कभी इस खेल में कुछ दर्दनाक घटनाएं ऐसी भी हुई हैं जिन्होंने इस खेल को हमेशा के लिए बदल दिया. बल्ले और गेंद की टक्कर के बीच कभी-कभी मौत भी मैदान पर ही दस्तक दे देती है. आइए जानते हैं उन क्रिकेटरों के बारे में जिन्होंने मैदान पर ही अपनी जान गंवा दी. इन खिलाड़ियों की मौत ने दुनिया भर को झकझोर दिया.
फिलिप ह्यूज - ऑस्ट्रेलिया
मैच: न्यू साउथ वेल्स बनाम साउथ ऑस्ट्रेलिया, 2014
ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को क्रिकेट का अगला सुपरस्टार माना जा रहा था, लेकिन एक बाउंसर ने उनकी जिंदगी छीन ली. बल्लेबाजी के दौरान तेज गेंदबाज शॉन एबट की गेंद उनकी गर्दन के नीचे लगी, जिससे दिमाग में गंभीर चोट पहुंची. दो दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
इस हादसे के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में हेलमेट डिजाइन बदले गए, ताकि गर्दन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. “63 नॉट आउट” का उनका स्कोर आज भी श्रद्धांजलि के रूप में याद किया जाता है.
रमन लांबा - भारत
मैच: ढाका प्रीमियर लीग, 1998
भारत के पूर्व बल्लेबाज रमन लांबा बांग्लादेश में घरेलू लीग खेल रहे थे, जब उन्होंने शॉर्ट लेग पर बिना हेलमेट फील्डिंग की. बल्लेबाज मेहराब हुसैन के शॉट से गेंद सीधे उनके सिर पर लगी. लांबा पहले तो चलकर बाहर आए, लेकिन कुछ घंटों बाद कोमा में चले गए और तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद दुनिया भर में क्लोज-इन फील्डर्स के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया.
विल्फ स्लैक - इंग्लैंड
मैच: घरेलू मुकाबला, गाम्बिया, 1989
इंग्लैंड के बल्लेबाज विल्फ स्लैक बल्लेबाजी करते हुए अचानक गिर पड़े थे. डॉक्टरों ने बाद में बताया कि उन्हें पहले भी कई बार ब्लैकआउट हुआ था, लेकिन कोई बीमारी नहीं पकड़ में आई थी. उनकी मौत ने खिलाड़ियों के स्वास्थ्य मॉनिटरिंग सिस्टम को लेकर नए नियम बनाए.
वसीम राजा - पाकिस्तान
मैच: वेटरन्स मैच, इंग्लैंड, 2006
पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर वसीम राजा इंग्लैंड में एक वेटरन्स मैच खेल रहे थे जब मैदान पर ही उन्हें हार्ट अटैक आया. कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए कार्डियक जांच और फिटनेस टेस्ट को गंभीरता से लिया जाने लगा.
डैरिन रैंडल - दक्षिण अफ्रीका
मैच: घरेलू टूर्नामेंट, 2013
रैंडल ने एक बाउंसर पर पुल शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके सिर पर लगी. हेलमेट पहने होने के बावजूद वे बच नहीं सके. इस घटना के बाद क्रिकेट बोर्ड ने हेलमेट सेफ्टी टेक्नोलॉजी पर और जोर दिया.
जुल्फिकार भट्टी - पाकिस्तान
मैच: टी20 घरेलू मैच, 2013
पाकिस्तान के युवा बल्लेबाज जुल्फिकार भट्टी को एक तेज गेंद सीने पर लगी. कुछ सेकंड बाद वह मैदान पर गिर पड़े और उनकी मौत हार्ट फेल्योर से हो गई. इसके बाद से बल्लेबाजों के लिए चेस्ट गार्ड्स की जरूरत पर जोर दिया गया.
आयन फॉली - इंग्लैंड
मैच: इंग्लिश डोमेस्टिक क्रिकेट, 1993
इंग्लैंड के स्पिनर इयान फॉली बल्लेबाजी करते समय गेंद से चोटिल हुए. बल्लेबाजी के दौरान फॉली को सिर पर चोट लगी थी. अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक हुआ और मौत हो गई. इस घटना ने स्टेडियमों में इमरजेंसी मेडिकल सुविधाओं की जरूरत पर जोर दिया.