IND vs ENG 5th Test: टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. लीड्स, बर्मिंघम, मैनचेस्टर के बाद अब भारतीय टीम फिर से लंदन लौट आई है, जहां 31 जुलाई से ओवल केनिंग्टन मैदान पर पांचवां और आखिरी टेस्ट खेला जाना है, लेकिन उससे पहले, एक बार फिर टीम चयन को लेकर बहस तेज हो गई है. इस बार चर्चा का कारण हैं अनुभवी घरेलू बल्लेबाज अभिमन्यू ईश्वरन, जो चार साल से टीम के साथ हर दौरे में मौजूद है, मगर अब तक अपने टेस्ट डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं. 

हर प्रैक्टिस सेशन में मौजूद, फिर भी मौका नहीं

अभिमन्यु ईश्वरन को सीरीज के हर टेस्ट से पहले टीम के प्रेक्टि्स सेशन में देखा गया है. चाहे फील्डिंग हो या नेट्स सेशन, वह हर बार जोश में नजर आए हैं, लेकिन जैसे ही बात आती है उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की तो टीम मैनेजमेंट उन पर भरोसा जताने से बचता है. मैनचेस्टर में भी जब करुण नायर को बाहर किया गया, तब माना गया था कि अब अभिमन्यु को मौका मिलेगा, लेकिन फिर साई सुदर्शन को ही प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया गया था.

4 साल से बेंच पर बैठे हैं अभिमन्यु

अभिमन्यु ईश्वरन साल 2021-22 से भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने टीम के साथ लगातार दौरे किए हैं, लेकिन टीम चयकर्ता उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया. इस दौरान, उनके बाद टीम में शामिल हुए 15 खिलाड़ी अपना टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं. इसमें सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन और रजत पाटीदार जैसे नाम शामिल हैं. यानी अभिमन्यु चार साल से स्क्वॉड का हिस्सा होते हुए भी, सिर्फ "टूरिस्ट" बनकर टीम के साथ घूमते रहे हैं.

क्यों साई सुदर्शन को रखा आगे?

टीम मैनेजमेंट की रणनीति पर सवाल इसलिए उठते हैं क्योंकि उन्होंने बार-बार आईपीएल प्रदर्शन को प्राथमिकता दी है. साई सुदर्शन ने भले ही IPL 2025 में शानदार प्रदर्शन किया हो, लेकिन घरेलू क्रिकेट में आंकड़े अभिमन्यु के पक्ष में हैं.

अभिमन्यु ईश्वरन के फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड

 मैच- 103

रन- 7841 

औसत- 54.25

शतक- 27

अर्धशतक- 31

साई सुदर्शन के फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड

मैच- 30 

रन- 1987

औसत- 36

शतक- 7

अर्धशतक- 5

साफ है कि अनुभव और आंकड़े में अभिमन्यु, साई सुदर्शन से कहीं आगे हैं.

खुद कोच गौतम गंभीर भी कर चुके हैं घरेलू क्रिकेट की वकालत

भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने कई बार घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को टीम में चयन का आधार मानने की बात कही है, लेकिन चयन के फैसलों में गंभीर की यह बात कहीं नजर नहीं आ रही है. यही कारण है कि पूर्व चयनकर्ता सबा करीम ने खुलकर टीम सिलेक्शन की आलोचना की है. उनका मानना है कि, “सिर्फ IPL प्रदर्शन के आधार पर किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल करना गलत है. डोमेस्टिक क्रिकेट में सालों से शानदार खेल रहे खिलाड़ी को नजरअंदाज करना भारतीय टींम की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है.”

अब उम्मीदें ओवल टेस्ट पर टिकी

31 जुलाई से शुरू होने वाले ओवल टेस्ट में अगर टीम इंडिया की नजरें संतुलित टीम बनाने पर होंगी, तो यह अभिमन्यु ईश्वरन के लिए मौका बन सकता है. भारत पहले ही सीरीज में पीछे है और अंतिम मैच में नतीजा लाने के लिए टीम को अनुभवी खिलाड़ियों की जरूरत होगी. ऐसे में यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या चयनकर्ता इस बार अभिमन्यू को मौका देते हैं.