सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने भारतीय टीम के डीआरएस लेने में देरी के कारण जीवनदान हासिल करने के बाद 30 महत्वपूर्ण रन बनाये जो आखिर में निर्णायक साबित हुए और कप्तान विराट कोहली ने इस तरह की गलती को अस्वीकार्य करार दिया. ऑस्ट्रेलियाई पारी के 11वें ओवर में नटराजन की गेंद वेड के पैड पर लगी थी. अंपायर ने इसे नॉटआउट करार दिया. भारतीय टीम ने कुछ देर चर्चा के बाद अपील करने का फैसला किया और अंपायर ने DRS का संकेत दिया.


कोहली ने डीआरएस लेने का फैसला उस समय किया जब 15 सेकंड का समय सीमा बीत चुका था. और इसके बाद बड़ी स्क्रीन पर रीप्ले दिखाना शुरू हो गया था. अब चूंकि कोहली ने समय से डीआरएस रिव्यू नहीं लिया था इसलिए कोहली का अनुरोध माना नहीं गया था. हालांकि वेड ने तुरंत ही इस पर आपत्ति जतायी क्योंकि DRS लेने के लिये तय 15 सेकेंड का समय समाप्त हो चुका था.


इसके बाद डीआरएस लेने का फैसला पलट दिया गया. कोहली ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''वह सीधी गेंद थी और साफ एलबीडब्ल्यू था लेकिन हम तब भी चर्चा करते रहे कि क्या गेंद लेग साइड की तरफ जा रही थी और फिर रिव्यू का फैसला किया लेकिन अंपायर ने कहा कि अब कुछ नहीं किया जा सकता है.''



उन्होंने कहा, ''प्रबंधन के तौर पर हमारा मानना है कि इस तरह की गलतियां (देर से फैसला करना) शीर्ष स्तर पर नहीं की जा सकती हैं. किसी महत्वपूर्ण मैच में ऐसा करना महंगा पड़ सकता है.''


टीवी रीप्ले से पता चला कि एलबीडब्ल्यू का फैसला भारत के पक्ष में जाता. भारत को यह बात अखर रही है कि ऑस्ट्रेलिया ने 12 रन से मैच जीता जबकि वेड ने उस जीवनदान के बाद अपने स्कोर में 30 रन और जोड़े थे.



बता दें कि तीसरे और अंतिम टी-20 मैच में भारत ने टॉस जीता और बॉलिंग का फैसला किया. पहले बैटिंग करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर 186 रन बनाए. 187 रनों के विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 174 रन ही बना पाई. इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 12 रनों से जीत लिया. हालांकि टीम इंडिया ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की.