Match-fixing in cricket in India: इंडियन प्रीमियर लीग में केकेआर के लिए खेल चुके श्रीलंका के पूर्व आफ स्पिन गेंदबाज सचित्र सेनानायके मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए हैं. उनको हम्बनटोटा उच्च न्यायालय ने लंका प्रीमियर लीग (LPL Cricket League) के दौरान साथी खिलाड़ी को मैच फिक्सिंग के लिये ललचाने का अपराधी पाया है. अब एक सवाल ये उठता है कि भारत में इसको लेकर क्या कानून है? अगर कोई मैच फिक्सिंग का दोषी पाया जाता है तो भारत में उसको कितने साल की जेल हो सकती है? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इसको लेकर क्या नियम बनाए हैं? चलिए जानते हैं.

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पूर्व में कई भारतीय क्रिकेटर्स पर मैच फिक्सिंग का आरोप लग चुका है, इसमें से कुछ के खिलाफ बैन भी लगा है. लेकिन आपको बता दें कि भारत में इसको लेकर कोई विशिष्ट कानून नहीं है. लेकिन हां, BCCI मैच फिक्सिंग को लेकर हमेशा से सख्त रवैया अपनाता है. बोर्ड ने आचार संहिता और भ्रष्टाचार रोधी इकाई बनाई है.

क्रिकेट में फिक्सिंग को लेकर भारत में कानून

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इसको लेकर भारत में कोई विशिष्ट कानून नहीं है. अक्सर इस तरह के मामलों में पुलिस धारा 420 के तहत कार्यवाई करने की कोशिश करती है. हालांकि इस कानून के तहत क्रिकेट में फिक्सिंग के आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्यवाई करना संभव नहीं है.

भारत में सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग को अवैध माना जाता है. सट्टेबाजी के लिए भी कोई स्पष्ट कानून भारत में नहीं है. कई देशों में सट्टेबाजी वैध है तो कई देशों में इसके खिलाफ सख्त कानून है. 

BCCI लेता है सख्त एक्शन

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड मैच फिक्सिंग को लेकर हमेशा अलर्ट रहता है, इस तरह के मामले आने पर बोर्ड सख्त एक्शन भी लेता है. मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए बीसीसीआई ने कोड ऑफ़ कंडक्ट और एंटी करप्शन यूनाइट बनाई हुई है. मैच फिक्सिंग के आरोपियों पर सख्त एक्शन लिया जाता है, अपराधियों पर आजीवन बैन तक लगाया जाता है.