Virender Sehwag on Yoyo test: इस साल के पहले दिन हुई रिव्यू मीटिंग (Review Meeting) में बीसीसीआई (BCCI) ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसमें योयो टेस्ट (Yoyo test) और डेक्सा टेस्ट (Dexa Scan) शामिल हैं. इन तमाम फैसलों के बाद भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने योयो टेस्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है. सहवाग का मानना है कि अगर यह टेस्ट पहले मौजूद होता तो इसको सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे कई खिलाड़ी पास नहीं कर पाते. बीते कुछ सालों से योयो टेस्ट भारतीय टीम में चयन का मानदंड बना हुआ है. इस टेस्ट में फेल होने के चलते कई खिलाड़ी टीम इंडिया में अपनी जगह नहीं बना पाए हैं. 


एक फैन ने वीरेंद्र सहवाग से हार्दिक पांड्या और वरुण चक्रवर्ती को लेकर सवाल पूछा. उन्होंने इसका जवाब देते हुए क्रिकबज पर बताया, “मैं आपको एक चीज़ बताना चहाता हूं. यहां हम योयो टेस्ट की बात कर रहे हैं, हार्दिक पांड्या को भागने में कोई दिक्कत नहीं है, उन्हें अपनी गेंदबाज़ी के कारण वर्कलोड की दिक्कत है. दूसरी तरफ आर अश्विन और वरुण चक्रवर्ती ने योयो टेस्ट पास नहीं किया था, इसलिए वे यहां नहीं हैं. लेकिन मैं इन सारी चीज़ों से सहमत नहीं हूं. अगर ये मानदंड पहले मौजूद होते तो सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी इसे पास नहीं कर पाते. मैंने उन्हें कभी बीप टेस्ट पास करते नहीं देखा है. वे हमेशा 12.5 अंक से पीछे रह जाते थे.”


सहवाग ने कौशल को दी तरजीह


कौशल ज़रूरी है. आज अगर आप फिट टीम के साथ खेल रहे हैं, लेकिन आपके पास कौशल नहीं है तो अंत में आपको हार मिलेगी. उन्हें उनके कौशल के आधार पर खेलने दो, धीर-धीरे वक़्त के साथ आप उनकी फिटनेस को सुधार सकते हो, लेकिन अगर यो-यो मानदंड सीधे लागू किया जाता है तो बात अलग है. अगर कोई खिलाड़ी फील्डिंग के साथ 10 ओवर फेंक सकता है, तो यह पर्याप्त होना चाहिए. हमें इसके अलावा बाकी चीज़ों के बारे में चिंता करना चाहिए.”


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