T20 World Cup 2021: भारत-अफगानिस्तान मैच से ठीक पहले क्रिकेट प्रेमियों की नजर टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन पर बनी हुई है. 2 मैच हारने के बाद टीम में 2 से 3 फेरबदल होने की संभावना है. सूर्यकुमार यादव की वापसी के साथ-साथ आर अश्विन के भी प्लेइंग इलेवन में शामिल होने के आसार नजर आ रहे हैं.


दरअसल, अश्विन जैसे अनुभवी गेंदबाज को बाहर रखने के फैसले पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं. वर्ल्ड कप प्रैक्टिस मैचों में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें सुपर-12 के दोनों मुकाबलों से बाहर रखा गया. इसका खामियाजा भी टीम इंडिया को उठाना पड़ा. पिछले 2 मैचों में भारतीय गेंदबाजों के हिस्से सिर्फ 2 विकेट आए और ये दोनों विकेट तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को मिले. भारत के स्पिनर्स वर्ल्ड कप में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं.


चार साल बाद टी-20 स्क्वॉड में शामिल किए गए थे अश्विन
अश्विन चार साल से टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर थे. टी-20 वर्ल्ड कप के लिए उन्हें इसलिए चुना गया था क्योंकि टीम को एक अनुभवी स्पिनर की तलाश थी लेकिन टीम मैनेजमेंट ने पाकिस्तान के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सुपर 12 के मैच में भी उन्हें मौका नहीं दिया. कई पूर्व भारतीय खिलाड़ियों ने इस फैसले की आलोचना की थी. पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने तो हैरानी जताते हुए यह तक कह दिया था कि ये चांज का विषय है कि अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल क्यों नहीं किया गया.


इंग्लैंड दौरे में भी अश्विन को नहीं मिला था मौका
अश्विन 4 महीने से टीम स्क्वॉड में शामिल किए जाते रहे हैं लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन से हर बार बाहर रखा जा रहा है. अश्विन ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला जून में खेला था. वे न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेले थे, लेकिन इसके बाद उनको इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका नहीं मिला. 


आज भी अश्विन प्लेइंग इलेवन से बाहर रहे तो क्या होगा? 
ऐसी स्थिति में अगर भारत जीत जाता है तब तो ज्यादा सवाल नहीं होंगे लेकिन अगर हार गए तो टीम मैनेजमेंट निशाने पर होगा. अफगानिस्तान के खिलाफ अश्विन के अनुभव की जरूरत होगी. अगर कोहली एक बार फिर अश्विन की अनदेखी करते हैं तो टीम के अंदर और बाहर उनके खिलाफ आवाजें उठना शुरू हो सकती हैं.