न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में 3 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतने वाले मोहम्मद शमी ने इस साल होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है. शमी ने वनडे मैचों में सफल वापसी का श्रेय पिछले 12 महीने में टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन को दिया है.
बता दें कि शमी ने अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के साथ वनडे टीम में वापसी की थी. आस्ट्रेलिया में टेस्ट और वनडे मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले शमी ने न्यूजीलैंड में पहले एकदिवसीय मैच में भी धारदार गेंदबाजी करते हुए 19 रन देकर तीन विकेट चटकाए.
28 साल तेज गेंदबाज शमी फिटनेस और निजी जिंदगी के मुद्दों से उबरकर भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं. वनडे में सबसे कम मैचों में 100 विकेट चटकाने वाले भारतीय गेंदबाज बने शमी ने कहा, 'यह लंबी यात्रा रही. मैंने 2015 विश्व कप में खेला, इसके बाद चोटिल हो गया और मुझे उबरने में दो साल लगे. रिहैबिलिटेशन के बाद मैंने 2016 विश्व टी20 टीम में जगह बनाई. इसके कुछ समय बाद मेरे अंदर पूर्ण आत्मविश्वास आया और मैंने महसूस किया कि मैं पटरी पर लौट आया हूं.'
उन्होंने कहा, 'आपने 2018 में देखा कि मैंने लगातार टेस्ट क्रिकेट खेला. आत्मविश्वास का स्तर काफी ऊंचा था. मैं उसी गति से गेंदबाजी कर रहा हूं जैसे पहले किया करता था. उम्मीद करता हूं कि यह जारी रहेगा.'
शमी आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत के दौरान 16 विकेट के साथ जसप्रीत बुमराह और नाथन लियोन (दोनों 21 विकेट) के बाद सबसे सफल गेंदबाज रहे. इसके बाद आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ था.
उन्होंने कहा, 'मुझे टेस्ट क्रिकेट अन्य फॉर्मेट से अधिक पसंद है. पिछली तीन-चार सीरीज में हमने जिस तरह का प्रदर्शन किया है (गेंदबाजी यूनिट के रूप में), इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है. अगर गेंदबाजी यूनिट नतीजे दे रही है तो दबाव बंट जाता है और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिलती है.' शमी भले ही शानदार फार्म में हों लेकिन विश्व कप टीम में जगह बनाने को लेकर चिंतित नहीं हैं. विश्व कप का आयोजन इंग्लैंड में 30 मई से होना है.