बीते शनिवार BCCI ने ऑस्ट्रेलियाई टूर के लिए भारतीय स्क्वाड (India Squad For Australia) घोषित किया था. इसमें सबसे चौंकाने वाला फैसला ये रहा कि रोहित शर्मा को हटाकर वनडे टीम की कप्तानी शुभमन गिल (Rohit Sharma Removed From ODI Captaincy) को सौंप दी गई है. रोहित शर्मा जीत प्रतिशत के मामले में भारत के सबसे सफल कप्तान रहे, पिछले सालभर के भीतर टीम इंडिया को 2 ICC ट्रॉफी दिलाई हैं. इन कारणों से रोहित को कप्तानी से हटाए जाने का फैसला वाकई चौंकाने वाला रहा.

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IPL में मुंबई इंडियंस को अपनी कप्तानी में 5 ट्रॉफी जिताने वाले रोहित शर्मा के लिए उसी रिकॉर्ड को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दोहराना काफी मुश्किल था. मगर रोहित के आंकड़े साबित कर देते हैं कि टीम इंडिया को उनके अंडर कितनी सफलता मिली है. रोहित ने 56 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की, जिनमें टीम 42 मैच जीती. रोहित की कप्तानी में जीत प्रतिशत 75 का रहा. 10 से ज्यादा मैचों में भारतीय वनडे टीम की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों में रोहित का जीत प्रतिशत सबसे बेहतर रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाया जाना सही था?

रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाना सही?

रोहित शर्मा की उम्र अभी 38 साल है, जब तक 2027 ODI वर्ल्ड कप आएगा तब तक रोहित की उम्र 40 साल हो चुकी होगी. बहुत से फैंस चाहते होंगे कि रोहित अभी और क्रिकेट खेलें, लेकिन समस्या यह है कि 2027 वर्ल्ड कप तक रोहित IPL के अलावा साल में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे. इतने कम मैच, गेम अवेयरनेस और फिटनेस बरकरार रखने के लिए काफी नहीं हैं.

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यह तय हो चुका है कि भारतीय क्रिकेट शुभमन गिल के दौर में प्रवेश कर चुका है. गिल इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ करवा कर अपनी लीडरशिप स्किल्स को साबित कर चुके हैं. चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर भी टीम इंडिया के भविष्य को लेकर अपनी मानसिकता स्पष्ट कर चुके हैं कि 3 अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान होना टीम के लिए अच्छा नहीं है. शुभमन गिल को कप्तानी सौंपने का यह इसलिए भी सही समय कहा जा सकता है कि वो कम से कम अगले एक दशक तक टीम की कमान संभाल सकते हैं. इसके लिए शायद उन्हें अभी से तैयार किया जा रहा है.

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