यूं तो कहा जाता है कि टेस्ट मैच सेशन दर सेशन का खेल है. जो टीम जितने ज्यादा सेशन जीतती है टेस्ट मैच का नतीजा उसी के पक्ष में जाता है. लेकिन विशाखापत्तनम टेस्ट मैच में दूसरे दिन के बाद ही भारत का पलड़ा बहुत ज्यादा भारी है. दक्षिण अफ्रीका की टीम मैच के दूसरे दिन ही पहली पारी में तीन विकेट गंवा चुकी है. अभी भारतीय टीम के पास 463 रनों की बढ़त हासिल है. मैच के दूसरे दिन सिर्फ 39 रन और 20 ओवर में जिस तरह दक्षिण अफ्रीका ने तीन विकेट गंवाए वो ये दिखाता है कि टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय स्पिनर्स अफ्रीकी बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेंगे.


अब तक जो 3 विकेट गिरे हैं उसमें दो विकेट आर अश्विन ने लिया है जबकि एक विकेट रवींद्र जडेजा के खाते में आया. मैच के तीसरे दिन मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा का रोल भी अहम होगा. कुल मिलाकर इस टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका की टीम बुरी तरह बैकफुट पर है और अब किसी भी हालत में उसे सिर्फ मौसम ही बचा सकता है. अगर विशाखापत्तनम में बाकि बचे तीन दिन के खेल में बारिश जरूरत से ज्यादा रोल निभाए तो.

‘कमबैक’ खिलाड़ियों का करिश्मा
ये टेस्ट मैच दो खिलाड़ियों के लिए बहुत खास था. पहला रोहित शर्मा और दूसरा आर अश्विन. रोहित शर्मा को इस टेस्ट मैच में पहली बार बतौर ओपनर बल्लेबाजी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. लिमिटेड ओवर में विश्व के सबसे दबंग बल्लेबाज रोहित शर्मा टेस्ट टीम में अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाए थे. यही वजह थी कि उनका टेस्ट करियर बड़ा डांवाडोल रहा. हाल के दिनों में उनकी शानदार वनडे फॉर्म को देखते हुए उन्हें टेस्ट टीम में ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई. जिस पर वो दो सो फीसदी खरे उतरे.

रोहित शर्मा ने इस टेस्ट मैच में शानदार 176 रन बनाए. रोहित शर्मा को ये मौका इसलिए भी मिला क्योंकि केएल राहुल काफी समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे थे. अब बात दूसरे कमबैक मैन आर अश्विन की. अश्विन ने दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच खेला था. इसके बाद वो चोटिल हो गए. संयोग और परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि धीरे धीरे आर अश्विन बतौर स्पिनर विराट कोहली की पसंद से बाहर होते चले गए. रवि शास्त्री और विराट कोहली की बातों से ये झलकने लगा कि टीम में बतौर स्पिनर रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव पहली और दूसरी पसंद हैं.

आर अश्विन फटाफट क्रिकेट की ‘स्कीम’ से पहले ही बाहर हैं. ऐसे में टेस्ट फॉर्मेट में उन्हें खुद को नए सिरे से साबित करना होगा. उन्होंने इसकी शुरुआत कर भी दी है. दूसरे दिन उन्होंने 8 ओवर फेंके और 9 रन देकर दो विकेट झटके. वो करीब 10 महीने बाद टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं. इन दो विकेटों से निश्चित तौर पर आर अश्विन में विश्वास जागा होगा. टेस्ट मैच के तीसरे दिन की पिच उन्हें मदद भी देगी. ऐसे में रोहित शर्मा के बाद अब आर अश्विन पर ही सभी की नजर रहेगी.

दक्षिण अफ्रीका से कहां हुई चूक
दक्षिण अफ्रीका की पारंपरिक ताकत तेज गेंदबाजी है. लेकिन दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ ड्यप्लेसी ने टीम में तीन स्पिनर्स को जगह दी. इन तीनों स्पिनर्स ने कोई असर नहीं छोड़ा. मैच में इन गेंदबाजों को जो विकेट मिले उसके पीछे भारतीय बल्लेबाजों के तेज रन बनाने की चाहत थी. भारतीय टीम की रणनीति थी कि तीसरे सेशन में कुछ ओवर का खेल अफ्रीकी बल्लेबाजों को दिया जाए. दिमाग में पांच सौ रनों का आंकड़ा भी था वरना दक्षिण अफ्रीकी स्पिन गेंदबाजों को विकेट के लिए और तरसना पड़ता.

दक्षिण अफ्रीका के लिए मुसीबत ये भी है कि टेस्ट मैच की चौथी पारी में भी उन्हें ही बल्लेबाजी करनी है. चौथी पारी में भारतीय स्पिनर्स प्रोटिएस टीम के बल्लेबाजों को और ज्यादा परेशान करेंगे. यही वजह है कि टेस्ट मैच अभी अपने आधे सफर पर भी नहीं पहुंचा है और मेहमानों की हार तय दिखने लगी है.