'हार का जिम्मा सिर्फ कोच का...', गौतम गंभीर पर रवि शास्त्री का बड़ा बयान
साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2-0 की क्लीन स्वीप हार ने गंभीर को निशाने पर ला दिया है. भारत के घरेलू टेस्ट सीरीज के इतिहास में सिर्फ तीन बार क्लीन स्वीप हुआ है और इनमें से दो बार गंभीर के कार्यकाल में हुआ.

टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर इन दिनों आलोचनाओं से घिरे हुए हैं. पिछले साल जुलाई में कोच बनने के बाद जहां उन्होंने टीम को चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जिताया, वहीं टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन लगातार गिरता दिखा है. हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2-0 की क्लीन स्वीप हार ने गंभीर को सवालों के केंद्र में ला दिया. इससे पहले न्यूज़ीलैंड ने भी भारत को 3-0 से हराया था. भारत के क्रिकेट इतिहास में घरेलू टेस्ट सीरीज में सिर्फ तीन बार क्लीन स्वीप हुआ है और इनमें से दो गंभीर के कार्यकाल में.
लेकिन क्या इस हार के लिए सचमुच सिर्फ गंभीर ही जिम्मेदार हैं? पूर्व भारतीय कोच और दिग्गज ऑलराउंडर रवि शास्त्री इस सोच से बिल्कुल असहमत हैं.
रवि शास्त्री की दो टूक
प्रभात खबर के यूट्यूब पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान शास्त्री ने साफ कहा कि हार का जिम्मा सिर्फ कोच का नहीं होता है. पूरी टीम मैनेजमेंट और मैदान पर खेलने वाले खिलाड़ियों की भी बराबर जिम्मेदारी है. शास्त्री बोले, “जब टीम हारती है, तो खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. सिर्फ एक व्यक्ति को निशाना बनाना गलत है. मेरे साथ भी ऐसा हुआ है, इसलिए मैं अनुभव से बोल रहा हूं. हार के बाद खिलाड़ियों को भी चोट महसूस होनी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि जब तक खिलाड़ियों में यह भावना नहीं आएगी कि उन्होंने निराशाजनक खेल दिखाया है, तब तक सुधार संभव नहीं है.
भारत की टेस्ट हार में गंभीर जिम्मेदार?
शास्त्री ने आगे कहा, “यह सामूहिक जिम्मेदारी है. आप किसी एक इंसान को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. साउथ अफ्रीका ने एक टीम की तरह खेला, किसी एक खिलाड़ी ने भारत को नहीं हराया. हम कहां खेल पाए?”
शास्त्री के बयान ने इस बहस को नया मोड़ दे दिया है कि क्या गंभीर को अत्यधिक दोष दिया जा रहा है. जबकि असल समस्या टीम कॉम्बिनेशन, खराब फॉर्म और निर्णय लेने की सामूहिक कमी में छिपी है.
भारत का घरेलू टेस्ट प्रदर्शन
भारत का पहला घरेलू टेस्ट क्लीन स्वीप: 1999-2000, साउथ अफ्रीका के खिलाफ
दूसरा और तीसरा क्लीन स्वीप: 2024-25, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ
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Source: IOCL
















