नागपुर: गुजरात और झारखंड के बीच खेल गए रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच में गुजरात की ओर से शानदार गेंदबाजी करते हुए जसप्रीत बुमराह (29 रन देकर छह विकेट) की अगुवाई में सेमीफाइनल के चौथे ही दिन झारखंड को 111 रन पर ऑलआउट कर 66 साल के बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में अपनी जगह बना लिया. 

 

गुजरात ने इससे पहले एक बार 1950-51 में रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनायी थी लेकिन उसे तब होल्कर टीम (अब मध्य प्रदेश) से हार का मुंह देखना पड़ा था. गुजरात ने सुबह चार विकेट पर 100 रन से आगे खेलते हुए दूसरी पारी 252 रन पर समाप्त की और झारखंड को जीत के लिये 235 रन का लक्ष्य दिया जिसने पहली बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनायी थी.

 

इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी झारखंड ने गुजरात के गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिये और टीम 41 ओवरों में 111 रन के अंदर सिमट गयी. उसके दोनों सलामी बल्लेबाज शून्य पर पवेलियन लौट गये. टीम के लिये पांच बल्लेबाज ही दोहरे अंक तक पहुंच सके जिसमें कुशाल सिंह ने 24 रन की सबसे ज्यादा रन की पारी खेली. टीम के लिये कोई भी बड़ी साझेदारी नहीं बन सकी और लगातार विकेट गंवाने का खामियाजा उसे हार से भुगतना पड़ा. 

 

गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल ने केवल तीन गेंदबाजों को गेंद सौंपी. उसके गेंदबाजों में बुमराह ने दूसरी पारी में अहम भूमिका अदा की जिन्होंने 14 ओवर में 29 रन देकर छह विकेट हासिल किये जो उनका कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है, जिससे मैच में उनके कुल विकेट सात रहे. 

 

वहीं पहली पारी में छह विकेट हासिल करने वाले तेज गेंदबाज आर पी सिंह ने दूसरी पारी में तीन विकेट से मैच में कुल नौ विकेट चटकाये. हार्दिक पटेल ने एक विकेट अपने नाम किया. गुजरात ने आज सुबह अपनी दूसरी पारी में छह विकेट गंवाकर 152 रन जोड़े.

 

मनप्रीत जुनेजा ने रात की दो रन की पारी को अर्धशतक में तब्दील करते हुए 125 गेंद में 12 चौके की मदद से 81 रन की पारी खेली. हार्दिक पटेल छह रन ही बना सके और पवेलियन लौट गये. निचले क्रम में चिराग गांधी ने 105 गेंद का सामना करते हुए चार चौके और एक छक्के से 51 रन बनाकर अर्धशतक पूरा किया.

 

झारखंड के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम 69 रन देकर पांच विकेट हासिल किये जबकि विकास सिंह को दो विकेट मिले.