तकरीबन दो दशक बाद कोलकाता के एतिहासिक मैदान ईडन गार्डन्स पर एक बार फिर ये सभी खिलाड़ी मौजूद थे. इस दौरान लंच के समय के स्पेशल सेशन का आयोजन किया गया जिसमें सभी पूर्व खिलाड़ियों ने अपनी अपनी कहानियां बताई.
बता दें कि साल 2011 टेस्ट में वीवीएस. लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने जिस तरह के फॉलोऑन के बाद भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचाया था उसका दूसरा रूप अभी तक देखने को नहीं मिला है.
सचिन ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा है कि जब द्रविड़ और लक्ष्मण उस मैच में जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब ड्रेसिंग रूम में कोई हिला तक नहीं था.
मैच के दौरान चायकाल में सचिन ने अपने पुराने साथियों, लक्ष्मण, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह के साथ पुराने सफर को ताजा किया. हरभजन ने उस मैच में हैट्रिक ली थी और वह भारत के लिए टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे.
सचिन ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन कप्तान सौरभ गांगुली और कोच जॉन राइट के साथ मिलकर यह फैसला किया कि लक्ष्मण तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे और द्रविड़ छठे नंबर पर.
सचिन ने कहा, "वह अच्छी लय में थे. यह दोनों जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब ड्रेसिंग रूम में कोई भी नहीं हिला था. अचानक हमें उम्मीद जागी की अगर भज्जी और जहीर खान अच्छी गेंदबाजी कर सकते हैं तो हम जीत सकते हैं."
लक्ष्मण ने उस मैच में 452 रनों पर 281 रनों की पारी खेली थी. वहीं द्रविड़ ने 353 गेंदों पर 180 रन बनाए थे. इन दोनों के दम पर भारत ने अपनी पारी सात विकेट के नुकसान पर 657 रनों पर घोषित कर दी थी. भारत ने इस मैच में आस्ट्रेलिया को 171 रनों से हराया था.