केएल राहुल इन दिनों फॉर्म में हैं. वो विकेटकीपिंग के साथ साथ बल्लेबाजी में भी कमाल दिखा रहे हैं. माना जा रहा है कि विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी मिलना उनके करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. कैप्टन विराट कोहली खुद इस बात को कह चुके हैं कि राहुल की जिम्मेदारी टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज की रहेगी. कोहली ने तो यहां तक कहा था कि राहुल टीम में वैसा संतुलन बनाए रखते हैं जैसा 2003 के वर्ल्ड कप में राहुल द्रविड ने किया था.


लोकेश राहुल को टीम इंडिया में नई जिम्मेदारी मिली है और वह इसका भरपूर लुत्फ ले रहे हैं. राहुल ने बल्ले के साथ-साथ विकेट के पीछे भी सराहनीय काम किया है और भारतीय टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज या गेंदबाज खिलाने की आजादी दी है. ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के साथ खेले गए पहले टी-20 मैच में राहुल ने शानदार अर्धशतक लगाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.


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मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में राहुल ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं इस नई भूमिका का लुत्फ ले रहा हूं. इंटरनेशनल स्तर पर यहा बिल्कुल नया सा प्रतीत होता है और ऐसा लगता है कि मैंने कभी कीपिंग नहीं की लेकिन ऐसा नहीं है. मैंने अपनी आईपीएल टीम के लिए तीन-चार साल कीपिंग की है और साथ ही मैंने फर्स्ट क्लास टीम के लिए भी ओपनिंग के साथ-साथ कीपिंग भी की है. कीपिंग के साथ मैं हमेशा टच में रहा हूं."


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राहुल ने 27 गेंदों पर 56 रनों की पारी खेली और कप्तान विराट कोहली के साथ 99 रनों की साझेदारी निभाई. भारत ने 203 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए छह विकेट से जीत हासिल की.


राहुल ने कहा, "विकेट के पीछे रहने से यह आइडिया लग जाता है कि विकेट कैसा खेल रही है. मैं अपने गेंदबाजों को यह संदेश दे सकता हूं और कप्तान की फील्ड सेटिंग में मदद कर सकता हूं. एक कीपर के तौर पर मेरी जिम्मेदारी सजग रहने की है और अपने कप्तान को यह भी संदेश देना होता है कि किस बल्लेबाज के लिए कौन सी लेंग्थ अच्छी रहेगी. विकेट के पीछे रहने से यह अतिरिक्त जिम्मेदारी आती है और इससे बल्लेबाजी में भी फायदा होता है."