बीते दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज़ के ऐलान से पहले रिषभ पंत को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि क्या वो भारतीय टीम में बरकरार रहेंगे या फिर उन्हें अभी और इंतज़ार करना होगा. लेकिन मुख्य चयनकर्ताओं ने विश्वकप से पहले आखिरी सीरीज़ की टी20 और वनडे टीम में रिषभ पंत का नाम शामिल कर ये साफ संदेश दे दिया कि बोर्ड की भी नज़र इस खिलाड़ी पर है और अगर सब ठीक रहा तो मई से इंग्लैंड में शुरु होने जा रहे विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे.


पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ से भारत के लिए आगाज़ करने वाले रिषभ पंत ने उसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी अलग छाप छोड़ी. इसका श्रेय पंत पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे को देते है.


इंग्लैंड में लाल ड्यूक गेंद की स्विंग के कारण पंत ने बाई के रूप में काफी रन दिये थे. ऑस्ट्रेलिया में हांलाकि उन्होंने 20 कैच पकड़कर वापसी की जिसमें एडीलेड में विश्व रिेकार्ड की बराबरी करते हुए 11 कैच लपकना भी शामिल है.


पंत ने एक खास इंटरव्यू में बताया, ‘‘इंग्लैंड में कीपिंग करना बिल्कुल अलग तरह का अनुभव था. उस दौरे के बाद मैंने एनसीए में किरण सर (मोरे) के साथ काम किया. इसमें हाथ की स्थिति और शरीर की मुद्रा पर ध्यान देना शामिल था. हर विकेटकीपर का अपना तरीका होता है, मैंने थोड़ा सा बदलाव किया जिसका मुझे फायदा मिला.’’


पंत ने हालांकि ज्यादा विस्तार से चर्चा तो नहीं की लेकिन मोरे ने उनके बदलाव की बुनियादी चीजों के बारे में बताया.


अनुभवी कोच और राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष मोरे ने कहा, ‘‘मैंने पंत के कीपिंग के तरीके में बदलाव किया. इससे संतुलन बनाये रखने, सिर को सीधा रखने में मदद मिलती है. यह उसी तरह है जिससे महेन्द्र सिंह धोनी को सफलता मिली.’’


पंत हर दिन अपने खेल में सुधार करना चाहते हैं जिसमें विकेटकीपिंग भी शामिल है.


उन्होंने कहा, ‘‘जब आप कम उम्र में टीम का हिस्सा बनते हैं तब आप अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करेंगे, बेहतर है कि आप उन मौकों का फायदा उठायें जो आपको मिले.’’


पंत के करियर का बड़ा बदलाव इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच के बाद आया जहां उन्होंने शतकीय पारी खेली थी. इसका असर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दिखा जहां उन्होंने विकेट से पीछे और विकेट के आगे शानदार प्रदर्शन किया.


धोनी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जा रहे 21 साल के इस खिलाड़ी ने कहा,‘‘जब मैंने इंग्लैंड में शतकीय पारी खेली तो आत्मविश्वास एक अलग स्तर पर पहुंच गया था. उसके बाद मैं लगातार सोचने लगा कि कुछ क्षेत्रों में कैसे सुधार कर सकता हूं. इंग्लैंड में शुरू हुई सीखने की प्रक्रिया का फायदा ऑस्ट्रेलिया में मिला.’’


पंत से जब पूछा गया कि आईपीएल में उन पर बड़ा दांव लगा है जहां वह दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा है तो उन्होंने कहा,‘‘असुरक्षा का माहौल हमेशा आपके साथ रहेगा, चाहे आप भारत के लिए खेलें या अपने आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए. एक खिलाड़ी की पहचान उसी बात से होती है कि वह मुश्किल स्थिति से निपट कर कैसा प्रदर्शन करता है.’’


पिछले सत्र में दिल्ली (तब डेयरडेविल्स) की टीम के लिए 684 रन बनाने वाले पंत एक बार फिर उस प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे और वह शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करना चाहते हैं.


उन्होंने आगामी सत्र में दिल्ली के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताते हुए कहा,‘‘एक बल्लेबाज के तौर पर मैं शीर्ष क्रम में खेलना चाहूंगा लेकिन टीम संयोजन काफी जरूरी है. टीम का नाम, जर्सी में बदलाव हुआ है और नये खिलाड़ी भी आये हैं. यह अनुभव और युवा का अच्छा मिश्रण है. उम्मीद है कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन होगा और दिल्ली कैपिटल्स के लिए यह शानदार टूर्नामेंट होगा.’’