Jaydev Unadkat on Test Comeback: जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) को हाल ही में पूरे 12 साल बाद टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला था. वह बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में टीम इंडिया की प्लेइंग-11 का हिस्सा थे. उन्हें कुलदीप यादव की जगह टीम में शामिल किया गया था. कुलदीप यादव बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट के 'प्लेयर ऑफ दी मैच' रहे थे. ऐसे में जब उनादकट से पूछा गया कि पिछले मैच के हीरो रहे कुलदीप को रिप्लेस करने पर क्या वह अतिरिक्त दबाव महसूस कर रहे थे, तो उन्होंने ऐसे किसी भी तरह का दबाव होने से साफ इनकार कर दिया.


जयदेव उनादकट ने PTI से बातचीत करते हुए कहा, 'मैं बिल्कुल दबाव में नहीं था. जब आप कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहे हो और चीजें हो जाएं तो मैं इसे अपने संघर्ष के फल के तौर पर लेता हूं. मैं उस मैच में बस अपना पूरा योगदान देना चाहता था. अगर विकेट नहीं मिलता तो मेरी कोशिश दूसरे छोर से दबाव बनाने की होती. मेरे दिमाग में बस यही विचार चल रहा था.'


उनादकट ने कहा, 'मुझे मौका मिला क्योंकि टीम प्रबंधन ने मुझे पिच के अनुकूल पाया. पिच की कंडीशन बहुत हद तक राजकोट जैसी थी. वहां बहुत ज्यादा पेस नहीं था आपको लेंथ को हार्ड रख पिच से ज्यादा से ज्यादा बेहतर निकालने की कोशिश करनी थी. मैं जानता था कि अगर मैं अपनी मजबूती पर बना रहा तो चीजें मेरे पक्ष में आएंगी और यही कारण रहा कि मुझे पिच से अतिरिक्त उछाल मिला.'


'मुझे यकीन था मौका मिलेगा'
12 साल बाद टेस्ट जर्सी पहनने का मौका मिलने पर उनादकट ने कहा, 'मुझे हमेशा से यकीन था कि मुझे एक और मौका मिलेगा. सौराष्ट्र को लीड करने से मुझे अपने खेल पर फोकस करने का ज्यादा मौका मिला. इसने मुझे भविष्य देखने में मदद की.' गौरतलब है कि उनादकट ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 2010 में किया था. लेकिन डेब्यू टेस्ट के बाद उन्हें फिर कभी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला. पूरे 12 साल बाद मीरपुर टेस्ट में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह मिली.


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