बीते दिन कप्तान विराट कोहली, शिखर धवन और दिनेश कार्तिक की पारियों से टीम इंडिया सीरीज़ बराबर करने में कामयाब रही. लेकिन इस जीत का हीरो ऐसा भी रहा जिसने गेंदबाज़ी करते हुए भारत के लिए मुकाबला बनाया. जी हां, हम बात कर रहे हैं क्रुणाल पांड्या की. पांड्या ने पहले मुकाबले में ही अपनी लय खोने के बाद सीरीज़ में धमाकेदार वापसी की. वो खुद भी इस प्रदर्शन से अब संतुष्ट हैं.
ऑल राउंडर कृणाल पंड्या का कहना है कि ब्रिसबेन में खराब प्रदर्शन के बाद खुद को प्रेरित करना बहुत मुश्किल था कि वह इस बड़े स्तर के लायक हो.
कृणाल ने कहा कि पहले टी20 मैच में खराब प्रदर्शन के बाद वह काफी हतोत्साहित हो गये थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रदर्शन के लिये उन्हें बेहतरीन करने की जरूरत थी.
उन्होंने 36 रन देकर चार विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिससे भारत ने आस्ट्रेलिया को अंतिम टी20 मैच में छह विकेट से पराजित कर तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर की.
इतना ही नहीं वो ऑस्ट्रलिया के खिलाफ टी20 मुकाबले में भारत के लिए 4 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज़ भी बन गए हैं.
कृणाल ने मैच के बाद कहा, ‘‘जब आप पहला मैच आस्ट्रेलिया में खेलते हो तो यह बहुत मुश्किल तो होता ही और ऊपर से आप चार ओवर में 53 रन गंवा दो तो यह अधिक कठिन हो जाता है. इसलिये इससे वापसी करना आसान नहीं था. मुझे खुद का मनोबल बढ़ाने में थोड़ा समय लगा, विशेषकर जब आपने इस स्तर पर कोई मैच नहीं खेला हो. मैं पहली बार ऑस्ट्रेलिया भी आया हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिसबेन में 50 से ज्यादा रन गंवाना मेरे लिये काफी कठिन था और मेरे लिये अगले 24 घंटे काफी मुश्किल थे. मुझे खुद को प्रेरित करना पड़ा. जब मैं मेलबर्न में दूसरा मैच खेला तो मैं अपनी योजना को लेकर काफी स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है. ’’
कृणाल ने कहा, ‘‘जब आप इस तरह वापसी करते हो तो यह काफी संतोषजनक होता है. आपने एक दिन खराब प्रदर्शन किया और फिर उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आप अच्छा करते हो तो इस संतोष और खुशी मिलती है और साथ ही यह निश्चित होता है कि आप इस स्तर के लायक हो.’’