साल 2007 में पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत की गई, उसके बाद जब भी टीम इंडिया, इंग्लैंड का दौरा करती तो सीरीज जीतने वाली टीम को पटौदी ट्रॉफी से नवाजा जाता. 2025 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया, तो पटौदी ट्रॉफी का नाम बदल कर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (Anderson Tendulkar Trophy 2025) कर दिया गया. ओवल टेस्ट को जीतकर भारतीय टीम इस सीरीज को 2-2 से ड्रॉ करवा सकती है. यदि सीरीज ड्रॉ पर खत्म होती है तो आखिर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी, भारत या इंग्लैंड, कौन से देश में रखी जाएगी? यहां आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा.

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ड्रॉ हुई सीरीज, तो किस देश में रखी जाएगी ट्रॉफी?

भारतीय टीम ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के सामने 374 रनों का लक्ष्य रखा. टीम इंडिया यदि इस स्कोर का बचाव कर पाती है तो सीरीज दो-दो से बराबर हो जाएगी. नियम कहता है कि जो टीम पिछली बार सीरीज जीती थी, वो ही ट्रॉफी को रिटेन करेगी. भारतीय टीम ने जब आखिरी बार 2021 में इंग्लैंड का दौरा किया, तब भी सीरीज 2-2 से ड्रॉ पर छूटी थी. जब 2021 की सीरीज ड्रॉ रही तो ट्रॉफी इंग्लैंड के पास गई थी, क्योंकि 2018 में हुई सीरीज को इंग्लैंड ने 2-1 से जीता था.

जब इंग्लैंड की धरती पर खेली गई किसी भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का परिणाम निकला, तब इंग्लिश टीम विजयी रही थी. इसलिए नियमानुसार 2025 में हो रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी ड्रॉ रहने पर भी ट्रॉफी इंग्लिश टीम के पास ही जाएगी.

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ओवल मैदान पर सिर्फ 2 भारतीय कप्तान जीत सके हैं टेस्ट

अब तक के इतिहास में सिर्फ 2 भारतीय कप्तान टेस्ट मैच जीत सके हैं. ऐसा करने वाले पहले कप्तान अजीत वाडेकर थे, जिनकी कप्तानी में भारत ने 1971 में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था. उसके बाद ओवल मैदान पर भारत को कोई टेस्ट मैच जीतने के लिए 50 साल लगे. 2021 में जाकर विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने अंग्रेजों को 157 रन से हराया था. अब 2025 में भारत, इंग्लैंड को हरा पाता है तो शुभमन गिल ऐसा करने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय कप्तान बन जाएंगे.

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