IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड की 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 25 जनवरी को शुरू हुई थी, जहां पहला मैच हैदराबाद में खेला गया. पहले टेस्ट मैच में जब इंग्लैंड ने भारत को 28 रन से मात देते हुए चौंकाया तो क्रिकेट जगत में 'बैज़बॉल' का गुणगान होने लगा था. उसके बाद दूसरा, तीसरा और चौथा मैच भी मेहमान टीम हार चुकी है और अब धर्मशाला में खेले जा रहे सीरीज के आखिरी टेस्ट में भी इंग्लैंड की हालत कुछ खास अच्छी नहीं है. ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग में इंग्लैंड का आक्रामक टेस्ट क्रिकेट खेलने का मास्टरप्लान पूरी तरह असफल हुआ है.


धरा रह गया इंग्लैंड का 'बैज़बॉल'


हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को 28 रन से चौंकाने वाली हार झेलनी पड़ी थी. दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने 106 रन से बाजी मारी, जिसमें बुमराह और स्पिन गेंदबाजों ने मिलकर इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ कर रख दी थी. तीसरे मैच की चौथी पारी में इंग्लैंड को 557 रनों के पहाड़ से लक्ष्य का पीछा करना था, लेकिन यहां आक्रामक क्रिकेट खेलने के चक्कर में मेहमान टीम 122 रन पर सिमट गई. चौथा मैच भी इंग्लैंड की किस्मत नहीं बदल पाया क्योंकि यहां उनकी टीम 5 विकेट से मैच हारने के साथ ही सीरीज भी हार गई.


इस 'बैज़बॉल' टीम के कप्तान बेन स्टोक्स का खुद का प्रदर्शन फिसड्डी कहा जा सकता है. स्टोक्स ने इस दौरे पर केवल एक अर्धशतकीय पारी खेली है और 22 से कम की औसत से रन बनाए हैं. वहीं जो रूट की गिनती फैब-4 में की जाती है और वो चौथे टेस्ट की पारी में शतक लगाने के अलावा पूरी सीरीज में कोई कमाल नहीं दिखा पाए हैं. इसी सीरीज में अपना 100वां मैच खेलने वाले जॉनी बेयरस्टो के आंकड़े सबसे ज्यादा खराब हैं क्योंकि इस सीरीज में उन्होंने केवल 22 के औसत से रन बनाए हैं. भारत ने दिखा दिया है कि इंग्लैंड का 'बैज़बॉल' यहां काम नहीं आएगा और सीरीज में इस करारी हार को झेलने के बाद इंग्लैंड टीम को अपने खेलने के तरीके पर विचार-विमर्श करना होगा.


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