इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि इंग्लैंड लगातार दो मुश्किल पिचों पर खेलने के कारण अपनी लय खो बैठा और भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में वह भयभीत नजर आ रहा था. हुसैन ने कहा कि यह पूरी तरह से मानसिकता से जुड़ा है और इंग्लैंड को सीरीज ड्रॉ कराने का तरीका ढूंढना होगा जो कि उनके लिये अच्छा रिजल्ट होगा.


इंग्लैंड को भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में दो दिन के अंदर ही 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने इस जीत से चार मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल की. जो रूट और उनके साथी मोटेरा की स्पिनरों की मददगार वाली पिच पर जूझते हुए नजर आये और दो पारियों में 112 और 81 रन ही बना पाये.


हुसैन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पोडकास्ट’ पर कहा, ‘‘विशेषकर इस पिच पर जहां एक गेंद स्पिन ले रही थी और दूसरी ‘स्किड’ कर रही थी, आप लय खो बैठते हो. इस तरह की पिचों पर लगातार दो टेस्ट मैच खेलने से यह आपकी मानसिकता से जुड़ जाती है. इंग्लैंड दूसरी पारी में भयभीत नजर आ रहा था. मुझे नहीं लगता कि यह ऐसी पिच थी जिस पर 81 रन ही बनते, लेकिन यह चेन्नई की तुलना में अधिक मुश्किल पिच थी.’’


बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने इंग्लैंड पर कहर बरपाया. उन्होंने मैच में 70 रन देकर 11 विकेट लिये. हुसैन ने कहा, ‘‘अक्षर ने सटीक गेंदबाजी की. उसने विकेट टू विकेट गेंदबाजी की. कुछ गेंदों ने टर्न लिया तो कुछ ने नहीं. उसने अधिकतर विकेट उन गेंदों पर लिये जो टर्न नहीं हुई थी, इसलिए लोग इस पर गौर करेंगे और कहेंगे कि इन सीधी गेंदों को क्यों नहीं खेला गया.’’


पूर्व कप्तान ने आगे कहा, ‘‘यह इस टीम की मानसिकता से जुड़ा है और सही बात तो यह है कि पिचों और अंपायरों को लेकर अधिकतर बातें बाहर हो रही हैं. मैंने इंग्लैंड के किसी खिलाड़ी को यह कहते हुए नहीं सुना कि परिस्थितियां अनुचित हैं. उन्हें रास्ता निकालना होगा और जैक क्रॉली का पहली पारी का अर्धशतक सकारात्मक है. अब भी सीरीज समाप्त नहीं हुई है. भारत के खिलाफ 2-2 से बराबरी किसी भी रूप में बुरा परिणाम नहीं होगा.’’


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