भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, जो सालभर में मोटी कमाई कर लेता है. एक क्रिकेट बोर्ड की कमाई के मुख्य स्रोत मीडिया राइट्स, स्पॉन्सरशिप डील, टिकटों की बिक्री होते हैं. BCCI और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का उदाहरण लें, तो उनकी फ्रैंचाइजी लीग जैसे IPL और PSL से भी करोड़ों की कमाई होती है. बीसीसीआई की कुल संपत्ति ₹18,760 करोड़ है, लेकिन पाकिस्तान का क्रिकेट बोर्ड उसके सामने भिखारी जैसा लगता है. जानिए दोनों की नेटवर्थ में कितना अंतर है.

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BCCI की सालाना आय का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा अकेले IPL से आता है, जो दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग है. इस वजह से BCCI का नेटवर्थ दुनिया के अन्य क्रिकेट बोर्डों की तुलना में काफी ज्यादा है. इंडियन प्रीमियर लीग के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स, स्पॉन्सरशिप्स और टिकटों की सेल से बीसीसीआई को हर साल हजारों करोड़ रुपये की कमाई होती है. उसने IPL सीजन (2023-27) के TV और डिजिटल राइट्स को ₹39,775 करोड़ (5.10 अरब डॉलर) में नीलाम किया है.

BCCI अंतरराष्ट्रीय दौरों और ICC के साथ एक अनुकूल रेवन्यू-शेयरिंग मॉडल से भी कमाई करता है. भारतीय बोर्ड की मजबूत ब्रांड उपस्थिति कई स्पॉन्सरशिप्स और इंडोर्समेंट को आकर्षित करती है, जिससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की फाइनेंशियल पोजीशन और भी मजबूत होती है.

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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास भारतीय बोर्ड से कम नेटवर्थ 

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की अनुमानित नेटवर्थ सिर्फ ₹458 करोड़ (55 मिलियन डॉलर) है. पाकिस्तान बोर्ड की कमाई का मुख्य स्रोत पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) है, लेकिन इसकी कमाई IPL के मुकाबले काफी कम है. 

PCB को अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए अक्सर ICC (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और ACC (एशियाई क्रिकेट परिषद) द्वारा दिए गए हिस्से पर निर्भर रहना पड़ता है. यह निर्भरता पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता को भी दर्शाती है, जिसका असर बोर्ड के कामकाज पर पड़ता है.

इस फाइनेंशियल असमानता का असर खिलाड़ियों के वेतन पर भी साफ देखा जा सकता है. जहां भारतीय खिलाड़ियों को दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन मिलता है, वहीं PSL के शीर्ष खिलाड़ी भी आईपीएल के औसत खिलाड़ियों जितना नहीं कमा पाते.

उदाहरण के लिए, PSL में बाबर आजम जैसे बड़े खिलाड़ी को लगभग ₹1.95 करोड़ (2,20,000 डॉलर) मिलते हैं, जबकि IPL में एक गुमनाम भारतीय खिलाड़ी भी इससे कहीं ज्यादा कमाता है. यह विशाल अंतर भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक ताकत और प्रभाव को दर्शाता है.