Harshit Rana vs Arshdeep Singh: भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजों की नई जोड़ी के रूप में हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह ने वनडे फॉर्मेट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. दोनों ही युवा तेज गेंदबाज अपने अलग-अलग स्टाइल और प्रभाव से टीम इंडिया के लिए अहम योगदान दे रहे हैं, लेकिन अगर दोनों के वनडे रिकॉर्ड्स की तुलना की जाए, तो कौन ज्यादा असरदार साबित हुआ है? आइए जानते हैं उनके आंकड़ों की पूरी कहानी.
गेंदबाजी प्रदर्शन
हर्षित राणा ने अब तक वनडे में 8 पारियां खेली हैं, जबकि अर्शदीप सिंह ने 10 पारियों में गेंदबाजी की है. दोनों का अनुभव भले ही सीमित हो, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा है.
हर्षित राणा: 8 पारियों में 16 विकेट, 332 रन खर्च किए.
अर्शदीप सिंह: 10 पारियों में 17 विकेट, 394 रन दिए.
यानी विकेटों के मामले में दोनों लगभग बराबरी पर हैं, लेकिन हर्षित ने थोड़े कम रन खर्च किए हैं.
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े
दोनों गेंदबाजों ने अब तक खेले गए मैचों में शानदार स्पेल डाले हैं और कई अहम मुकाबलों में भारत के लिए विकेट चटकाए हैं.
हर्षित राणा का बेस्ट स्पेल: 4/39 (एक पारी में)
अर्शदीप सिंह का बेस्ट स्पेल: 5/37 (एक पारी में)
अर्शदीप ने एक बार पांच विकेट झटके हैं, जो उनके अनुभव और मैच-अवेयरनेस को दर्शाता है.
बॉलिंग एवरेज और इकॉनमी रेट
आंकड़ों में देखें तो हर्षित का गेंदबाजी औसत (20.75) अर्शदीप (23.17) से थोड़ा बेहतर है. इसका मतलब है कि राणा औसतन कम रन देकर विकेट हासिल करते है. वहीं इकॉनमी रेट की बात करें तो हर्षित 5.82 रन प्रति ओवर देते हैं, जबकि अर्शदीप का इकॉनमी रेट 5.21 हैं. यानी अर्शदीप थोड़े ज्यादा किफायती साबित हुए है. स्ट्राइक रेट और 4/5 विकेट हॉल
गेंदबाजी स्ट्राइक रेट यानी कितनी गेंदों में एक विकेट मिलता है, इस मामले में हरशित राणा, अर्शदीप से आगे हैं. उनका स्ट्राइक रेट 21.30 है, जबकि अर्शदीप सिंह को हर विकेट के लिए औसतन 26.60 गेंदें लगती हैं. इससे पता चलता है कि राणा विपक्षी बल्लेबाजों पर जल्दी दबाव बना लेते हैं.
अर्शदीप ने जहां एक बार 5 विकेट लिए हैं, वहीं हर्षित ने अब तक एक बार 4 विकेट झटके हैं.
कौन हैं आगे?
अगर आंकड़ों को देखा जाए तो हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह दोनों ही भारत के लिए समान रूप से प्रभावशाली रहे हैं. अर्शदीप अपने अनुभव और 5 विकेट हॉल के कारण थोड़े आगे दिखते हैं, जबकि हर्षित की स्ट्राइक रेट और औसत बेहतर है.
दोनों ही गेंदबाज भारत की नई तेज जोड़ी के रूप में उभर रहे हैं. एक सटीक लाइन-लेंथ के साथ, दूसरा तेजी और आक्रामकता के साथ. आने वाले वर्षों में यही जोड़ी भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ बन सकती है.