क्रिकेट का खेल आमतौर पर अंडाकार शेप में बने मैदान में खेला जाता है, लेकिन असली खेल 22 गज की पिच पर होता है. किसी भी क्रिकेट मैच में पिच की बड़ी अहमियत होती है, जो टॉस में भी बड़ा रोल अदा करती है. कड़ी धूप से लेकर, बारिश के मौसम में पिच अलग-अलग तरह का बर्ताव करती देखी गई हैं. मगर आखिर यह क्रिकेट पिच तैयार कैसे होती है और इसे बनाने में किस तरह की मिट्टी का इस्तेमाल होता है? यहां आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा.

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कैसे तैयार होती है क्रिकेट पिच?

सबसे पहले मैदान में वह जगह तय की जाती है, जहां पिच बनाई जाएगी. पिच तैयार करने के लिए क्ले और अन्य कई तरह की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. अलग-अलग तरह की मिट्टी की मात्रा तय कर सकती है कि पिच बल्लेबाजी या गेंदबाजी के अनुरूप होगी. पिच की जगह में हल्की नमी लाने के लिए उसके ऊपर कई बार पानी छोड़ा जाता है और कई बार रोलिंग की प्रक्रिया से पिच की सतह को समतल बनाया जाता है. पिच पर एक सीमित मात्रा में घास छोड़ी जाती है. ऐसा जरूरी नहीं कि मैदान के बीचोंबीच पिच बनाई जाए, यही कारण है कि कई बार मैदान में लेग-साइड और ऑफ-साइड की लेंथ में काफी अंतर होता है.

कितनी तरह की मिट्टी से बनती है क्रिकेट पिच

क्रिकेट पिच बनाने में मिट्टी का भी अहम रोल होता है. आमतौर पर आपने भी सुना होगा कि ज्यादातर पिच लाल और काली मिट्टी से बनाई जाती हैं. पहले लाल मिट्टी से बनी पिच की बात करें तो इनमें अच्छा बाउंस और सीम मूवमेंट देखने को मिलती है. लाल मिट्टी का स्वभाव रूखा होता है, इसलिए लाल मिट्टी से बनी पिच जल्दी सूखने लगती है. लाल मिट्टी से बनी पिच में क्ले की मात्रा कम होती है. ऐसी पिचों पर शुरुआत में तेज गेंदबाजी तो बाद में स्पिनरों को मदद मिलने लगती है. लाल मिट्टी से बनी पिच आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और भारत में भी कई जगहों पर देखी जाती है.

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दूसरी ओर काली मिट्टी की बात करें तो यह लाल मिट्टी की तुलना में ज्यादा पानी सोखती है. काली मिट्टी की पिचों पर असामान्य उछाल देखने को मिलता है और ऐसी पिच काफी स्लो मानी जाती हैं, जिनपर रन बनाना बहुत ज्यादा आसान काम नहीं होता है. ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ऐसे 2 प्रमुख देश हैं, जिनमें काली मिट्टी से बनी पिचों पर क्रिकेट खेला जाता है.