Pataudi Trophy Retire: भारत और इंग्लैंड के बीच लंबे समय से पटौदी ट्रॉफी खेली जाती रही है. यह एक टेस्ट सीरीज है, जिसे महान क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में करवाया जाता रहा है. मगर अब इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने इस ट्रॉफी को रिटायर करने का फैसला लिया है. पटौदी ट्रॉफी पहली बार साल 2007 में हुई थी, जिसमें भारत ने इंग्लैंड को 1-0 से हराया था. जून-जुलाई के महीने में भारतीय टीम जब इंग्लैंड का दौरा करेगी, तभी से पटौदी ट्रॉफी को आधिकारिक रूप से समाप्त किया जा सकता है.

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पटौदी ट्रॉफी को क्यों रिटायर किया जा रहा है, इसके कारण का खुलासा नहीं किया गया है. मगर किसी अन्य महान क्रिकेटर के नाम पर नई ट्रॉफी का शुरू किया जाना भी कोई चौंकाने वाला विषय नहीं होगा. क्रिकबज में छपी एक रिपोर्ट अनुसार इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के किसी अधिकारी ने इस विषय पर पुष्टि नहीं की है. क्रिकेट में आमतौर पर बहुत कम मौकों पर ट्रॉफी रिटायर की जाती हैं, लेकिन इससे पहले इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाने वाली विसडन ट्रॉफी को रिटायर किया गया था. उसके बाद रिचर्ड्स-बॉथम ट्रॉफी की शुरुआत की गई थी.

मंसूर अली खान पटौदी का क्रिकेट करियर

मंसूर अली खान भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे. उन्होंने 1961-1975 के बीच भारतीय टीम का 46 टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व किया था. इस दौरान उन्होंने अपने करियर में 2,793 रन बनाए, साथ ही उन्होंने अपने करियर में 6 शतक और 16 फिफ्टी भी लगाई थीं.

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खास बात यह रही कि मंसूर अली खान पटौदी ने अपने करियर के 40 टेस्ट मैच बतौर कप्तान खेले थे. आपको याद दिला दें कि बहुत छोटी उम्र में उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उनकी दायीं आंख चोटिल हो गई थी. इस घटना के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने महज 21 साल की उम्र में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी.

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